बंगाल में 2024 की तैयारी, भाजपा के चुनाव हारने पर भी पीएम ने चार नए चेहरों को दिया मौका
New Minister list of West Bengal 2021 : मोदी मंत्रिमंडल से पश्चिम बंगाल के दो मंत्री हटाए तो जरूर गए हैं मगर उसके बदले में चार नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल भी किया गया है।
New Minister List of West Bengal 2021: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों (Bengal Assembly Election) में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के हाथों मिली बड़ी हार के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में पश्चिम बंगाल का विशेष ख्याल रखा है। मोदी मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल के चार नेताओं को शामिल किया गया है और इसे पीएम मोदी का बड़ा सियासी संकेत माना जा रहा है।
सियासी जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी भाजपा का राज्य में फोकस कम नहीं हुआ है। पश्चिम बंगाल से जुड़े दो मंत्रियों की छुट्टी तो जरूर कर दी गई है मगर चार नए चेहरों को मोदी मंत्रिमंडल (Modi Cabinet Expansion 2021) में शामिल करके भाजपा ने इस बात का संकेत दे दिया है कि वह राज्य में 2024 के लोकसभा चुनाव में मजबूती के साथ उतरने की जमीन तैयार कर रही है।
ममता ने दिया था भाजपा को बड़ा झटका
पश्चिम बंगाल में हाल में हुए विधानसभा चुनाव को भाजपा ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत अन्य सभी बड़े नेताओं में राज्य में जोरदार ढंग से प्रचार अभियान चलाया था मगर भाजपा तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी का किला भेदने में कामयाब नहीं हो पाई। ममता बनर्जी ने दो सौ से ज्यादा सीटों पर कब्जा करके भाजपा को बैकफुट पर ढकेल दिया।
अब ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में तीसरी पारी की शुरुआत कर दी है मगर फिर भी भाजपा ने पश्चिम बंगाल पर अपना फोकस कम नहीं किया है। मोदी सरकार में बुधवार को हुए फेरबदल में पश्चिम बंगाल का विशेष ध्यान रखा गया है और इसे पीएम मोदी का बड़ा फैसला माना जा रहा है।
दो को हटाया मगर चार नए चेहरों को एंट्री
मोदी कैबिनेट के फेरबदल पश्चिम बंगाल के से जुड़े दो चेहरों बाबुल सुप्रियो और देबोश्री चौधरी पर गाज गिरी है। बाबुल सुप्रियो केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद विधायक का चुनाव कांटे के मुकाबले में हार गए थे। उन्होंने चुनाव के दौरान पार्टी के कुछ महत्वपूर्ण फैसलों पर सवाल भी खड़े किए थे। देबोश्री चौधरी पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान अपना कोई असर नहीं छोड़ सकी थीं। माना जा रहा है कि इसी कारण इन दोनों नेताओं की मोदी मंत्रिमंडल से छुट्टी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी मंत्रिमंडल से इन दोनों नेताओं की विदाई पर तंज भी कसा है।
मोदी मंत्रिमंडल से पश्चिम बंगाल के दो मंत्री हटाए तो जरूर गए हैं मगर उसके बदले में चार नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल भी किया गया है। बुधवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में शांतनु ठाकुर, सुभाष सरकार, जॉन बारला और नीशीथ प्रामाणिक को मंत्री बनाया गया है।
मोदी के करीबी हैं प्रामाणिक
उत्तर बंगाल में अच्छी पैठ रखने वाले नीशीथ प्रामाणिक को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तरी बंगाल में अच्छा प्रदर्शन करते हुए सात सीटों पर कब्जा किया था। मंत्री के रूप में प्रामाणिक की ताजपोशी को उत्तरी बंगाल के मतदाताओं को साधने की कवायद माना जा रहा है।
मतुआ समुदाय पर डाले डोरे
मतुआ समुदाय से आने वाले शांतनु ठाकुर को भी चुनावी नजरिए से ही मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। मतुआ समुदाय पश्चिम बंगाल में भाजपा का कोर वोटर बन चुका है और 2024 के चुनाव में भी भाजपा की इस वोट बैंक पर नजर लगी हुई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की कामयाबी के पीछे मतुआ समुदाय का समर्थन भी बड़ा कारण माना जाता है। राज्य में इस समुदाय की आबादी तीन करोड़ से ज्यादा है और पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा मतुआ समुदाय का बड़ा समर्थन पाने में कामयाब हुई थी। विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने बांग्लादेश दौरे के समय मतुआ समुदाय के प्रमुख धार्मिक स्थल का दौरा भी किया था।
इन दो नेताओं को भी मिला इनाम
पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार सीट से सांसद जॉन बारला आदिवासी समुदाय से जुड़े हुए हैं। 2019 के चुनाव में उन्होंने पहली बार जीत हासिल की थी मगर फिर भी उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। बंगाल के चाय बागानों पर बारला की मजबूत पकड़ मानी जाती है क्योंकि वह खुद भी चाय बागान में काम कर चुके हैं। उन्होंने चाय बागान के मजदूरों के हक की लड़ाई भी लड़ी है। माना जा रहा है कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करके मोदी ने बड़ा समीकरण साधने की कोशिश की है।
पश्चिम बंगाल के चौथे चेहरे सुभाष सरकार बांकुड़ा के रहने वाले हैं और लंबे समय तक प्रदेश में पार्टी का कामकाज देख चुके हैं। पेशे से चिकित्सक सुभाष सरकार को जमीनी स्तर पर काम करने और बेहतर संगठनकर्ता होने का इनाम मिला है।
चुनावी समीकरण साधने की कोशिश
सियासी जानकारों का मानना है कि मंत्रिमंडल के विस्तार में पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल का विशेष रूप से ख्याल रखा है। भाजपा विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने लड़ाई कमजोर नहीं पड़ने देना चाहती। इसी कारण दो मंत्रियों की छुट्टी करने के बाद राज्य के चार नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इसके जरिए मोदी ने बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भले ही फेरबदल को लेकर तंज कसा हो मगर पीएम मोदी ने मंत्रिमंडल विस्तार में पश्चिम बंगाल में बड़ा चुनावी समीकरण साधने की कोशिश की है।