SSC Scam: मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद संगठन से भी बेदखल हुए पार्थ, ममता ने कार्रवाई पर कही ये बात
SSC Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे पार्थ चटर्जी को आखिरकार अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें अपने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है।
SSC Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले (teacher recruitment scam) में फंसे पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को आखिरकार अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने उन्हें अपने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी (TMC) के सत्ता में आने के बाद ये पहला मौका है, जब पार्थ ममता सरकार (Mamata Government) के मंत्रिमंडल से बाहर हैं। पार्थ पर कार्रवाई के बाद वेस्ट बंगाल सीएम की पहली प्रतिक्रिया आई है, जिसमें उन्होंने इस पूरे मामले को एक बड़ी साजिश का हिस्सा बताया है।
दरअसल ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) पर ईडी (ED) की कार्रवाई के पांच दिन बाद लिया है। इससे पहले विपक्ष के अलावा पार्टी के अंदर से भी पार्थ को सभी पदों से मुक्त करने की मांग उठ रही थी। लेकिन ममता (Mamata Banerjee) इस पर खामोशी ओढ़ी हुई थीं। जैसे – जैसे जांच आगे बढ़ते गई ममता पर कार्रवाई का दवाब बढ़ता गया और अंततः उन्हें अपने सबसे भरोसेमंद कैबिनेट सहयोगी की बलि लेनी पड़ी।
ममता को अभी लग रहा है दाल में कुछ काला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर बुरी तरह से घिरी नजर आ रही हैं। हालांकि, उन्हें अभी भी इस मामले में दाल में कुछ काला नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि केवल एक ही लड़की के घर से पैसे बरामद हुए हैं, जिसको बार- बार मीडिया में दिखाया जा रहा है। पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) पर एक्शन को लेकर पश्चिम बंगाल सीएम ने कहा कि उन्हें इसलिए पद से हटाया क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में टीएमसी बेहद सख्त पार्टी है। इसे बदला नहीं जा सकता। यह एक बड़ा गेम है, जिसके बारे में अभी अधिक बात नहीं कर सकती।
संगठन से भी हुई छुट्टी
कभी ममता सरकार (Mamata Government) में नंबर दो की हैसियत रखने वाले पार्थ चटर्जी को सरकार से बर्खास्त करने के बाद पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, पार्थ चटर्जी को पार्टी से निकाल दिया गया है। उन्हें महासचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ – साथ अन्य पदों से भी मुक्त कर दिया गया है। उनको जांच पूरी होने तक के लिए बर्खास्त किया गया है। यदि वह जांच में बेदाग निकलते हैं तो उन्हें पुनः पार्टी में वापस लिया जाएगा। पार्थ दो दशक से अधिक समय से टीएमसी में थे।
बता दें कि ईडी अब तक 50 करोड़ कैश और करोड़ों रूपये के गोल्ड पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद कर चुकी है। जांच एजेंसी के रडार पर पार्थ के कुछ और करीबी भी हैं।