Sourav Ganguly: सौरव गांगुली को लेकर बंगाल में घमासान, TMC ने भाजपा पर लगाया बड़ा आरोप

Sourav Ganguly: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को लेकर टीएमसी और भाजपा के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-10-12 14:42 IST

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (photo : social media ) 

Sourav Ganguly: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (BCCI President Sourav Ganguly) को लेकर टीएमसी और भाजपा के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है। गांगुली की जगह रोजर बिन्नी के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने की खबरों के बीच टीएमसी ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। टीएमसी का आरोप है कि भाजपा की ओर से गांगुली को कई बार पार्टी में शामिल करने की कोशिश की गई मगर गांगुली के तैयार न होने पर अब उनसे बदला लिया जा रहा है। 

इसी कारण उनकी जगह बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर दूसरे की ताजपोशी की तैयारी है। पार्टी की ओर से इससे पहले भी पूर्व क्रिकेटर के अपमान का आरोप लगाया गया था। दूसरी ओर भाजपा ने टीएमसी के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि यह बीसीसीआई का अंदरूनी मामला है और इससे भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।

रोजर बिन्नी के नया अध्यक्ष बनने की संभावना 

बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की दौड़ से गांगुली के बाहर होने की खबर के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत गरमा गई है। खबरों के मुताबिक गांगुली की जगह जल्द ही रोजर बिन्नी बीसीसीआई के नए अध्यक्ष के रूप में कमान संभाल सकते हैं। 

बिन्नी 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हैं और उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया है। जानकारों के मुताबिक गांगुली अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो चुके हैं और बिन्नी की निर्विरोध ताजपोशी हो सकती है।

भाजपा पर गांगुली से बदला लेने का आरोप  

गांगुली से जुड़ी यह महत्वपूर्ण खबर आने के बाद टीएमसी ने हमलावर मुद्रा अपना ली है। टीएमसी नेता डॉ शांतनु सेन ने कहा कि भाजपा की ओर से बार-बार गांगुली पर पार्टी में शामिल होने का दबाव डाला जाता रहा है। गृह मंत्री अमित शाह भी पिछले दिनों इसी सिलसिले में गांगुली के घर पर गए थे। भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार न होने के कारण गांगुली राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हो रहे हैं।

टीएमसी नेता ने कहा कि अमित शाह के बेटे जय शाह अपने पद पर बने रह सकते हैं मगर गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष नहीं बने रह सकते। उन्होंने कहा कि हम सभी दादा के पूरी तरह साथ हैं। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी भाजपा पर गांगुली का अपमान करने का बड़ा आरोप लगाया है। 

टीएमसी के आरोपों पर भाजपा ने दिया जवाब

टीएमसी की ओर से लगाए गए बड़े आरोप के बीच भाजपा की ओर से सफाई भी पेश की गई है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि गांगुली का मामला क्रिकेट की दुनिया से जुड़ा हुआ है और इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। जब टीएमसी को भाजपा को घेरने का कोई मौका नहीं मिला तो गांगुली से जुड़े हुए मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है। 

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने भी इस मामले में टीएमसी को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि कब भाजपा की ओर से गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश की गई। बीसीसीआई में हो रहे बदलाव पर टीएमसी की ओर से मगरमच्छी आंसू बहाए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे तो क्या इसमें उनकी कोई भूमिका थी? उन्होंने टीएमसी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि हर मुद्दे को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

बंगाल का सियासी माहौल गरमाया 

दरअसल पश्चिम बंगाल में 2021 में हुए विधानसभा चुनाव के समय से ही इस तरह की अटकलें लगाई जाती रही हैं कि भाजपा गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेता समय-समय पर गांगुली से मिलते रहे हैं। इसी कारण इस मामले को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। हालांकि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली की समय-समय पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात होती रही है। 

अभी पिछले दिनों 1 सितंबर को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भी दोनों एक साथ दिखे थे। अब गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटने की खबरों के बीच भाजपा और टीएमसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है।

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