West Bengal: पश्चिम बंगाल की सियासत में दिख रहा बड़ा बदलाव, ममता से शुभेंदु अधिकारी की मुलाकात पर हर कोई हैरान

West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के बुलावे पर आज विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता से मुलाकात की।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2022-11-25 16:50 IST

CM Mamata Banerjee Meets Suvendu Adhikari (Pic: Social Media) 

West Bengal: पश्चिम बंगाल में दो सियासी दिग्गजों की एक मुलाकात ने हर किसी को हैरान कर दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के बुलावे पर आज विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता से मुलाकात की। तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद शुभेंदु की ममता से यह पहली मुलाकात थी। इसी कारण हर कोई इस मुलाकात की खबर सुनकर चौंक गया। इस मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी को अपना भाई बताया।

पश्चिम बंगाल की मौजूदा सियासत में ममता और शुभेंदु अधिकारी के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। यही कारण है कि दो सियासी दिग्गजों की यह मुलाकात सबको हैरान करने वाली रही। अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि दोनों नेताओं के बीच किस मुद्दे पर चर्चा हुई है। मुलाकात के बाद शुभेंदु अधिकारी ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है।

मुख्यमंत्री की पहल पर हुई मुलाकात

पश्चिम बंगाल विधानसभा का इन दिनों शीतकालीन सत्र चल रहा है और इस सत्र के दौरान शुक्रवार को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले दो नेताओं की मुलाकात ने सभी को हैरान कर दिया। मजे की बात यह है कि इस मुलाकात की पहल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से ही की गई थी।

मुख्यमंत्री का बुलावा मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी भी उनसे मुलाकात के लिए तैयार हो गए। वे तीन अन्य भाजपा विधायकों के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे। इस मुलाकात के दौरान शुभेंदु अधिकारी के साथ भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल, मनोज तिग्गा और अशोक लाहिरी भी थे।

शुभेंदु ने शिष्टाचार भेंट बताया

भाजपा नेताओं ने विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के कक्ष में ममता से मुलाकात की। शुभेंदु अधिकारी और भाजपा विधायकों के साथ ममता की मुलाकात करीब सात मिनट तक चली। इस महत्वपूर्ण सियासी मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने यह खुलासा नहीं किया है कि उन्होंने किन मुद्दों पर बातचीत की है। मुलाकात के संबंध में पूछे जाने पर शुभेंदु अधिकारी ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया।

नंदीग्राम में हुआ था दोनों का मुकाबला

उल्लेखनीय बात यह है कि हाल के दिनों में भाजपा ने ममता के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। शुभेंदु अधिकारी भी ममता पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। यही कारण है कि इस मुलाकात पर सबको हैरानी हुई है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पूर्व शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम विधानसभा सीट पर दोनों सियासी दिग्गजों का आमना सामना भी हुआ था।

नंदीग्राम के संग्राम में दोनों नेताओं के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था जिसमें शुभेंदु अधिकारी को जीत हासिल हुई थी। नंदीग्राम के संग्राम के बाद दोनों नेताओं के बीच कटुता और बढ़ गई थी और दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी करते रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने पहली बार ममता से मुलाकात की है।

शपथग्रहण समारोह का किया था बायकॉट

अभी हाल में नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी शुभेंदु अधिकारी ने सीटों की व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई थी। अधिकारी ने सीवी आनंद बोस के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने के समारोह में हिस्सा नहीं लिया था। अधिकारी ने ममता बनर्जी को भारत में अब तक का सबसे मनहूस नेता तक बता डाला था।

शुभेंदु अधिकारी ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा न लेने का कारण बताते हुए कहा था कि उनके बैठने की व्यवस्था विधायक कृष्ण कल्याणी और विश्वजीत दास के बगल में की गई थी। इन दोनों विधायकों ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल करने के बाद तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। शुभेंदु अधिकारी ने यह कहते हुए शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया था कि मुझे इन दोनों विधायकों के बगल में बैठना मंजूर नहीं है।  

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