पश्चिम बंगाल: सभी दलों के माननीयों की बढ़ी संपत्ति, अब हैं दोबारा मैदान में
पिछले 5 साल में पश्चिम बंगाल में जनता द्वारा चुने गए 210 माननीयों की संपत्ति में 78 फीसदी का जबर्दस्त इजाफा हुआ है।
नई दिल्ली: कहते हैं मर्ज बढ़ता ही गया ज्यों ज्यों दवा की। पश्चिम बंगाल के साथ कुछ ऐसा ही है। पहले कम्युनिस्टों के शासन में गरीब और गरीब और माननीय और अमीर होते गए। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने भी गरीबों के शोषण में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। या ये कह सकते हैं जो भी जनता के वोट के दम पर माननीय बना उसने अपना खजाना भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसमें भाजपा, कांग्रेस सहित कोई दल पीछे नहीं रहा। ये हम नहीं कह रहे हैं, ये माननीयों द्वारा घोषित आंकड़े बता रहे हैं।
पिछले 5 साल में पश्चिम बंगाल में जनता द्वारा चुने गए माननीयों ने अपनी संपत्ति में जबर्दस्त इजाफा किया है और अब ये दोबारा चुने जाने के लिए एक बार फिर मैदान में हैं। ऐसे करीब 210 माननीयों की औसत संपत्ति में 78 फीसदी अधिक की वृद्धि हुई है। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
जारी हुए हैरान कर देने वाले आंकड़े
2016 में पश्चिम बंगाल के इन माननीयों की घोषित संपत्ति एक करोड़ 38 लाख थी जो 2021 में बढ़कर 2 करोड़ 46 लाख हो गई है। यह आंकड़े पश्चिम बंगाल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में दोबारा चुनाव लड़ने वाले 210 विधायकों के शपथ पत्रों से विश्लेषण के आधार पर जारी किये हैं।
संपत्ति में हुआ एक करोड़ सात लाख का इजाफा
2016 से 2021 के दौरान बीते 5 वर्षों के अंतराल में पुनः चुनाव लड़ने वाले इन 210 विधायकों की औसत संपत्ति में एक करोड़ सात लाख का इजाफा हुआ है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो संपत्ति बटोरने में नंबर वन रहे पुनः चुनाव लड़ने वाले शीर्ष तीनों विधायक तृणमूल कांग्रेस के हैं। जिनकी अधिकतम संपत्ति में करोड़ों की बढ़ोतरी हुई है। जिसमें जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के जाकिर हुसैन ने सबसे ज्यादा 39.18 करोड़ की वृद्धि घोषित की है। 2016 में इनकी संपत्ति 28 करोड़ 4 लाख थी जो 2021 में बढ़कर 67 करोड़ 20 लाख हो गई।
अहमद जावेद खान की संपत्ति में 15 करोड़ तीन लाख की वृद्धि
इसी तरह निर्वाचन क्षेत्र कस्बा से तृणमूल कांग्रेस के अहमद जावेद खान की संपत्ति में 15 करोड़ तीन लाख की वृद्धि हुई है। 2016 में इनकी संपत्ति 17 करोड़ 29 लाख थी जो 2021 में बढ़कर ₹32 करोड़ 33 लाख हो गई। इसी तरह निर्वाचन क्षेत्र कोलकाता दक्षिण से तृणमूल कांग्रेस के फरहाद हातिम की संपत्ति 7 करोड़ 36 लाख रुपए बढी है, 2016 में इनकी संपत्ति 5 करोड़ 97 लाख थी जो 2021 में बढ़कर 13 करोड़ 34 लाख रुपए हो गई। देखा जाए तो जाकिर हुसैन की संपत्ति में 140 फीसदी और फरहाद हातिम की संपत्ति में 123 फीसद का इजाफा हुआ है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में दोबारा चुनाव लड़ने के हाथों इन विधायकों की संपत्ति मैं अगर देखा जाए तो दलगत आधार पर कोई भी दल पीछे नहीं। इसमें सबसे ज्यादा वृद्धि अगर किसी ने की है तो वह है तृणमूल कांग्रेस जिसने 84 फ़ीसदी की वृद्धि की है। इसके दोबारा चुनाव लड़ने वाले कुल विधायकों की संख्या 150 है। इसी तरह भाजपा के 22 विधायकों ने 47 फ़ीसदी से अधिक की औसत संपत्ति में वृद्धि की है।
अन्य दलों के विधायकों की संपत्ति इतनी बढ़ी
कांग्रेस के 21 विधायक जो दोबारा मैदान में इन्होंने 46 फ़ीसदी से अधिक की वृद्धि और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 13 विधायक जो मैदान में हैं इन्होंने 73 फ़ीसदी से अधिक की वृद्धि। इस दौड़ में निर्दल भी पीछे नहीं हैं। दो निर्दलीय विधायक जो मैदान में हैं उन्होंने औसत संपत्ति मैं 37 फीसद से अधिक की वृद्धि की है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि जहां बड़े दलों के विधायक कमाई करने और संपत्ति बढ़ाने में लगे रहे वही रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एक विधायक की संपत्ति जो दोबारा चुनाव मैदान में है 22 लाख से अधिक कम हो गई यानी उनकी संपत्ति में 25 फ़ीसदी की कमी आई है। इसी तरीके से ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के एक विधायक जो दोबारा मैदान में हैं उनकी संपत्ति में 38 फ़ीसदी की कमी आई है।