राज्यपाल ने किया सवाल, क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है!

पश्चिम बंगाल सरकार के संरक्षण में टीएमसी समर्थकों की तरफ से हिंदूओं को निशाना बनाया जा रहा है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-05-14 09:33 GMT

फोटो— पश्चिम बंगाल के जगदीप धनखड़ (साभार— सोशल मीडिया)

कोलकाता। कहते हैं बिना आग के धुंआ नहीं उठता। पश्चिम बंगाल में आज जो कुछ हो रहा है, वह अकारण नहीं है। सियासत की चक्की में आम जनता पिस रही है। पश्चिम बंगाल सरकार के संरक्षण में टीएमसी समर्थकों की तरफ से हिंदूओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनके घरों और दुकानों को लूटा जा रहा है, लेकिन सरकार सख्त कदम उठाने की जगह पूरे मामले को रानीतिक रंग देने में लगी हुई है। आलम यह है कि लोग हिंसा के डर से अब असम की तरफ भाग रहे हैं। खबरों की मानें तो यहां कई परिवार शरणार्थी बन गए हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव नतीजे आने के बाद यहां राजनीतिक हिंसा काफी बढ़ गई हैं।

धनखड़ ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल में हाल में हुई हिंसा में कुछ की मौत तो कई लोग घायल हुए हैं। ऐसे में लोग खुद की सुर​क्षा के लिए पश्चिम बंगाल को छोड़कर असम की तरफ भाग रहे हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ लगातार हिंसा में पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका दुख—दर्द बांटने में लगे हैं। हालांकि राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है। बावजूद इसके न तो पश्चिम बंगाल में स्थिति सामान्य हो रही है और न ही राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच के रिश्ते। राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि लोगों के घर किस तरह बर्बाद हुए हैं, व्यापारी संस्थानों का क्या हाल किया गया है। ये सब एक ही कारण से किया गया कि दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र में आपने इतनी बड़ी हिमाकत क्यों कर ली कि अपनी मर्जी से वोट दे रहे हो। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है।

बंगाल की स्थिति पर जाहिर चिंता

एक समाचार एजेंसी के मुताबिक राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पर कुठाराघात हो रहा है, हम कानून व्यवस्था से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंसा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की देन है। उन्होंने चुनाव के दौरान ही जनता को चुतावनी देते हुए कहा था कि केंद्रीय सुरक्षा बल कब तक रहेंगे, उनके जाने के बाद कौन बचाएगा। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें ममता बनर्जी से ऐसी उम्मीद नहीं थी।

बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इससे पहले बसम के रनपगली में एक शिविर का दौरा किया था। जहां खुद को बीजेपी का समर्थक बताने वाले पश्चिम बंगाल के कई परिवार शरण लिए हुए हैं। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान इन परिवारों ने विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा अपने ऊपर किए जा रहे जुर्म की दास्तान सुनाई।

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