बीरभूम हिंसा मामले में 2 आरोपियों को गलत जमानत मिलने का आरोप, कलकत्ता HC ने CBI को किया तलब

West Bengal: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा की जांच कर रही सीबीआई को हिंसा मामले में तलब किया है। बीरभूम हिंसा मामले के दो आरोपियों को अनुचित तरीके से जमानत दी गई है।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-05-02 15:21 IST

कलकत्ता उच्च न्यायालय। (Social Media) 

West Bengal: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा (Birbhum Violence) की जांच कर रही सीबीआई को हिंसा मामले में तलब किया है। बीरभूम स्थित रामपुरहाट में भड़की हिंसा के मद्देनज़र कई घरों को आग के हवाले करने के साथ ही करीब 8 लोगों की हत्या कर दी गई है। दरअसल यह हिंसा टीएमसी नेता भादु शेख की हत्या के भड़की और एक हिंसक रूप ले लिया।

अब इस मामले में एक और याचिका सामने आई जो हिंसा मामले में दो लोगों को दी गई जमानत के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि दो लोगों को मामले में अनुचित तरीके से हलफनामा दायर कर जमानत दी गई है। मामले में अगली सुनवाई की तारीख 10 मई सुनिश्चित की गई है। कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने मामले में सुनवाई करते हुए पहले टीएमसी नेता भादु शेख (TMC leader Bhadu Sheikh) और बाद में। 2 बच्चों समेत कुल 8 लोगों की हत्या का मामला जांच हेतु सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया था। बीरभूम में भड़की इस हिंसा ने बोगतुई, रामपुरहाट गांव सहित कई इलाकों को अपना शिकार बनाया।

बीरभूम हिंसा मामले के दो आरोपियों को अनुचित तरीके से दी जमानत

कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High Court) के समक्ष एक याचिका दायर की गई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि बीरभूम हिंसा मामले के दो आरोपियों को अनुचित तरीके से जमानत दी गई है तथा इसी के मद्देनज़र उनकी जमानत रद्द करने का न्यायालय से अनुरोध किया गया है। इस मामले में अब कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High Court) ने संज्ञान लेते हुए एक अपनी ओर से एक प्रति दाखिल करने का आदेश दिया है।

सीबीआई को कोई नोटिस दिए बिना हलफनामे के रूप में दे दी जमानत

इस दौरान सीबीआई के वकील ने अदालत को यह बताया कि दोनों आरोपियों को संबंधित सत्र न्यायालय ने बिना केस डायरी बुलाए और सीबीआई (CBI) को कोई नोटिस दिए बिना हलफनामे के रूप में जमानत दे दी थी। साथ ही सीबीआई (CBI) द्वारा जमानत रद्द करने के लिए दायर याचिका को भी संबंधित अदालत ने खारिज कर दिया था। हालांकि अब हाइकोर्ट ने मामले का संज्ञान ले लिया है तथा इसी के चलते अब हाई कोर्ट के आदेशनुसार ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, मामले में अगली सुनवाई 10 मई को है।

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