ममता का 'खेला होबे' स्कीम: चुनावी नारे ने किया कमाल, क्लबों को फुटबॉल बांटने का ऐलान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'खेला होबे' नारे को अब टीएमसी की ओर से एक योजना का रूप दे दिया है और बंगाल में 'खेला होबे' स्कीम लॉन्च किया है।

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Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-06-10 13:25 IST

ममता का 'खेला होबे' स्कीम: डिजाईन फोटो-सोशल मीडिया 

West Bengal News: कोलकाता के फुटबाल प्रेमियों केलिए "पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा प्रचलित 'खेला होबे' का नारा अब वरदान साबित होगा। चुनावी दौर में इस नारे ने तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में बहुत मदद की और एक बार फिर ममता की सरकार बनी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'खेला होबे' नारे को अब टीएमसी की ओर से एक योजना का रूप दे दिया है और बंगाल में 'खेला होबे' स्कीम लॉन्च किया है। इसके अंतर्गत अब राज्य सरकार के खेल डिपार्टमेंट के द्वारा क्लब को फुटबॉल बांटी जाएंगी।

इस 'खेला होबे' की नई योजना के अंतर्गत पश्चिम बंगाल सरकार के खेल विभाग की ओर से जुलाई के पहले हफ्ते से फुटबॉल बांटने की प्रक्रिया चालू की जाएगी। किस क्लब को कैसे और कितनी फुटबॉल दी जाएगी इसकी जानकारी जल्द ही साझा कर दी जाएगी। युवाओं में खेल के प्रति रुचि बढ़ाने और फुटबॉल में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा खेला होबे स्कीम के तहत क्लब को फुटबॉल बांटी जाएगी, ताकि बड़ी संख्या में युवा खेल सकें।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का खेला होबे स्कीम: फोटो-सोशल मीडिया  

फुटबॉल वाले क्लबों की सूची तैयार की जाएगी

पश्चिम बंगाल सरकार के खेल मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार हर जिले के यूथ ऑफिसर को निर्देश दिया गया है कि वे हर जिले में मौजूद वैसे क्लबों की सूची बनाए जो फुटबॉल खेलते हैं। ये लिस्ट खेल मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके लिए 28 जून की तारीख निर्धारित की जाएगी। इसके बाद क्लबों को फुटबॉल दिया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि खेला होबे स्कीम के जरिए राज्य में फुटबॉल की लोकप्रियता को बढ़ावा दिया जाए। बता दें कि बंगाल में फुटबॉल का खेल पहले से ही लोकप्रिय है।

'खेला होबे' का नारा टीएमसी कार्यकर्ताओं ने खूब गुनगुनाया

बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान 'खेला होबे' का नारा तृणमूल कांग्रेस की हर रैलियों और राजनीतिक कार्यक्रमों में बज रहा था। ममता बनर्जी भी रैलियों से पहले इस नारे का जोर-शोर से प्रचार करती दिखी थीं। बंगाल के विधानसभा चुनाव में ये नारा इतना लोकप्रिय हो गया था कि हर टीएमसी कार्यकर्ता द्वारा इस गाने और नारे को गुनगुनाते हुए देखा जा सकता था।

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