West Bengal Politics: भ्रष्टाचार के मामले में ममता की पैरवी करके चिदंबरम घिरे, कांग्रेस समर्थकों का बवाल

West Bengal Politics: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को बुधवार को कलकता हाईकोर्ट के बाहर कांग्रेस समर्थकों और वकीलों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-05-04 21:57 IST

ममता और चिदंबरम। (Social Media) 

West Bengal News: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (Senior Congress leader P Chidambaram) को बुधवार को कलकता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के बाहर कांग्रेस समर्थकों और वकीलों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। चिदंबरम भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) और टीएमसी के खिलाफ दायर याचिका में ममता की पैरवी करने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान कांग्रेस समर्थकों ने उन्हें घेर लिया और उन्हें काले कपड़े दिखाकर चिदंबरम गो बैंक के नारे भी लगाए। चिदंबरम का विरोध कर रहे कांग्रेस समर्थक वकीलों ने उन्हें दलाल तक कह डाला। उनका आरोप था कि चिदंबरम जैसे नेताओं ने ही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का बेड़ा गर्क कर डाला है। हालांकि इस भारी विरोध के बावजूद चिदंबरम चुप्पी साधे रहे।

अधीर रंजन ने दायर की है याचिका 

दरअसल लोकसभा में विपक्ष के नेता और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (West Bengal Congress President Adhir Ranjan Chowdhury) ने भ्रष्टाचार के मामले में कलकता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में एक याचिका दायर कर रखी है। इस याचिका में चौधरी ने आरोप लगाया है कि राज्य की ममता सरकार (Mamata Government) ने केवेंटर एग्रो के साथ मिलकर मेट्रो डेयरी के शेयर काफी कम कीमत में बेच दिए। 

चौधरी ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि बाद में इन शेयरों को सिंगापुर की एक बड़ी कंपनी को ऊंची कीमत में बेचकर काफी कमाई की गई। चौधरी ने इसे भ्रष्टाचार का मामला बताते हुए कहा है कि सौदेबाजी के जरिए अपनी जेबें भरी गई हैं। चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के साथ ही देश के मशहूर वकील भी हैं और वे भ्रष्टाचार के इसी मामले में ममता सरकार का बचाव करने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। 

हाईकोर्ट के बाहर चिदंबरम का भारी विरोध 

पार्टी के लीगल सेल के कार्यकर्ताओं और कांग्रेस समर्थक वकीलों में इस बात को लेकर काफी नाराजगी दिखी कि चौधरी की याचिका होने के बावजूद चिदंबरम इस मामले में ममता सरकार का बचाव करने के लिए पहुंचे। चिदंबरम को हाईकोर्ट से निकलने के बाद लीगल सेल से जुड़े कार्यकर्ताओं और कांग्रेस समर्थकों के वकीलों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। 

लीगल सेल के कार्यकर्ताओं का कहना था कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस टीएमसी के खिलाफ लगातार संघर्ष करने में जुटी हुई है। चिदंबरम कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं मगर पैसा कमाने के लिए वे विरोधियों का केस लड़ने के लिए कोलकाता पहुंच गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ऐसे ही नेताओं ने पार्टी की नैया डुबो दी है।

चिदंबरम का विरोध कर रहे वकीलों ने उन पर पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का बड़ा आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में लगातार कांग्रेस कमजोर होती जा रही है और इसके लिए चिदंबरम जैसे पार्टी के नेता ही पूरी तरह जिम्मेदार हैं।

चिदंबरम को बताया दलाल 

चिदंबरम का विरोध करने में महिला वकील भी पीछे नहीं रहीं और उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री को दलाल तक कह डाला। एक महिला वकील सुमित्रा नियोगी ने तो अपना काला कोट उतारकर पूर्व वित्त मंत्री के सामने लहरा दिया। उन्होंने सवाल किया कि जब याचिका कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से ही दायर की गई है तो चिदंबरम यह मुकदमा लड़ने के लिए हाईकोर्ट क्यों आए। उन्हें यह बात पता होनी चाहिए कि सौदेबाजी में राज्य सरकार का हाथ रहा है मगर पैसा कमाने के लिए चिदंबरम यह केस लड़ने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे।

चौधरी ने बताया स्वाभाविक प्रतिक्रिया

दूसरी ओर याचिका दायर करने वाले अधीर रंजन चौधरी (West Bengal Congress President Adhir Ranjan Chowdhury) इस मामले में सधी हुई टिप्पणी करते हुए नजर आए। उन्होंने चिदंबरम को पेशेवर वकील बताते हुए कहा कि वकील के रूप में उन्हें अपने क्लाइंट का मुकदमा लड़ने का पूरा अधिकार है। हालांकि उन्होंने वकीलों और कांग्रेस समर्थकों की ओर से किए गए व्यवहार की निंदा नहीं की। उन्होंने कांग्रेस समर्थकों के विरोध को स्वाभाविक प्रतिक्रिया बताया। दूसरी और चिदंबरम इस पूरे प्रकरण पर टिप्पणी करने से बचते रहे। 

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