West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और ममता सरकार में टकराव चरम पर, धनखड़ ने विधानसभा का सत्र किया स्थगित
West Bengal Politics: राज्यपाल धनखड़ ने एक आदेश जारी करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा के सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। राज्यपाल की ओर से टि्वटर पर इस आदेश की जानकारी दी गई।
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और ममता सरकार (Mamata Banerjee Government) के बीच काफी दिनों से चल रही तनातनी अब चरम पर पहुंच गई है। दरअसल राज्यपाल ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसे लेकर राज्य की सियासत में हड़कंप मच गया है। राज्यपाल धनखड़ ने एक आदेश जारी करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा के सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। राज्यपाल की ओर से टि्वटर पर इस आदेश की जानकारी दी गई।
राज्यपाल के इस आदेश के बाद अब ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का पारा चढ़ गया है। पार्टी ने राज्यपाल के कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे असंवैधानिक कदम बताया है।
अब राज्यपाल की अनुमति पर ही सत्र
राज्यपाल धनखड़ की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि भारतीय संविधान की धारा 174 के तहत 12 फरवरी 2022 से विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। राज्यपाल की ओर से टि्वटर पर इस आदेश की जानकारी देने के बाद राज्य की सियासत में हड़कंप मच गया। राज्यपाल के आदेश से साफ हो गया है कि अब उनकी अनुमति के बाद ही विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है।
राज्यपाल और टीएमसी के बीच काफी दिनों से तनातनी चल रही है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद यह तनातनी और बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान हुई हिंसा के मुद्दे पर भी राज्यपाल ने कड़ा रुख अपनाया था जिसे लेकर टीएमसी खफा हो गई थी। टीएमसी की ओर से लगातार राज्यपाल को वापस बुलाए जाने की मांग की जा रही है।
टीएमसी ने आदेश को बताया अभूतपूर्व
राज्यपाल के आदेश की जानकारी मिलने के बाद और टीएमसी (Trinamool Congress- TMC) की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद सौगत राय ने राज्यपाल की ओर से उठाए गए कदम को पूरी तरह असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि यदि राज्यपाल की ओर से उठाए गए कदमों को देखा जाए तो साफ हो जाएगा कि वे लगातार असंवैधानिक काम करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने विधानसभा सत्र स्थगित किए जाने के राज्यपाल के आदेश को अभूतपूर्व घटना बताया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के इस कदम पर टीएमसी चुप बैठने वाली नहीं है। हम इस आदेश का जोरदार विरोध करेंगे और अदालत में भी राज्यपाल के इस आदेश को चुनौती दी जाएगी।
दरअसल राज्यपाल के इस कदम से टीएमसी में नाराजगी इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि ममता सरकार की ओर से जल्द बजट सत्र बुलाने की तैयारी की जा रही थी। अब राज्यपाल की अनुमति के बिना यह सत्र नहीं बुलाया जा सकता।
राज्यपाल के खिलाफ टीएमसी का प्रस्ताव
तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यपाल के खिलाफ संसद में भी मामला उठाया जा चुका है। पार्टी की ओर से शुक्रवार को राज्यसभा में राज्यपाल धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया था। तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय ने नियम 170 के तहत सदन में यह प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में राज्यपाल को तत्काल पद से हटाने या वापस बुलाने की मांग की गई है।
पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया है कि वे लगातार संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार के कामकाज में बाधाएं पैदा कर रहे हैं। राज्यपाल पर सरकार के कामकाज में अनावश्यक दखल देने का भी आरोप लगाया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्यपाल सार्वजनिक तौर पर सरकार के कामकाज पर टिप्पणी कर रहे हैं और मीडिया में बयान जारी करने में जुटे हुए हैं।
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