दलबदल विरोधी कानून के तहत TMC नेता मुकुल रॉय की अयोग्यता का मामला, अगले सप्ताह तक विधानसभा अध्यक्ष दे सकते हैं अपना फैसला
Mukul Roy News: मुकुल रॉय ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य हैं और पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मतभेदों के चलते वह 2017 में भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
Mukul Roy News: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भाजपा (BJP) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress ) के बीच सियासी धरपकड़ जोरों पर है। इसी के मद्देनजर एक हालिया मामला पश्चिम बंगाल के नादिया जिले की कृष्णानगर उत्तर विधानसभा सीट (Krishnanagar North Assembly seat )से विधायक मुकुल रॉय (Mukul Roy) को लेकर सामने आया है। दरअसल यह मामला मुकुल राय से और भाजपा टिकट पर विधानसभा चुनाव (elelction ) जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस में वापस से शामिल होने को लेकर जुड़ा हुआ है।
आपको बता दें कि मुकुल रॉय ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य हैं और पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मतभेदों के चलते वह 2017 में भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। मुकुल रॉय के साथ उनके बेटे सुभ्रांशु भी भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन बीते साल ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद जून में दोनों पिता-पुत्र तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट आए हैं।
मुकुल रॉय को लेकर दलबदल विरोधी कानून (anti-defection law) के तहत मुकुल रॉय की विधायक की उपाधि को लेकर यह मामला दर्ज हुआ है, जिसमें दोनों पक्षों की दलीलें पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी (Biman Banerjee) ने अपने कक्ष में सुनी और अब विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में अगले हफ्ते तक अपना आदेश सुना सकते हैं।
भाजपा टिकट पर कृष्णानगर उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव जीत था
मुकुल रॉय ने पिछले साल मार्च-अप्रैल के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर कृष्णानगर उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव जीत था, जिसके तुरंत बाद ही उन्होनें भाजपा छोड़ वापस से टीएमसी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
अब असल मामला इस चीज को लेकर सामने आया है कि भाजपा द्वारा मुकुल रॉय की विधायक की उपाधि रद्द करने को लेकर अयोग्यता याचिका दायर की गई है ,जिसपर यह सुनने को आया है कि मुकुल रॉय के वकीलों ने तर्क दिया है कि उन्होंने कभी भाजपा नहीं छोड़ी है।
अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि विधानसभा अध्यक्ष इस मामले और मुकुल राय की विधायक की उपाधि पर क्या फैसला देते हैं।