बंगाल में हिंसा पर बढ़ी तकरार, गवर्नर बोले-राज्य में संविधान खत्म, ममता बोलीं- सबकुछ दुरुस्त

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 43 मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल ने एक बार फिर राज्य में हिंसा की घटनाओं पर गहरी नाराजगी जताई।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-05-10 16:52 GMT

ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एक दूसरे का अभिवादन करते (फोटो: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हिंसा के मुद्दे पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 43 मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल ने एक बार फिर राज्य में हिंसा की घटनाओं पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राज्य में संविधान पूरी तरह खत्म हो गया है और हिंसा पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हालत यह हो गई है कि रात में राज्य के किसी इलाके में हिंसा की जानकारी मिलती है मगर सुबह सबकुछ दुरुस्त बताया जाता है।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि राज्य में हिंसा की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लग गई है और अब कहीं से भी हिंसा होने की खबर नहीं है। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल में अब पूरी तरह शांति है और कहीं भी हिंसा नहीं हो रही है। हाल में मुख्यमंत्री ने राज्य में हिंसा की घटनाओं में 16 लोगों के मारे जाने की बात स्वीकार की थी।

राज्यपाल पहले भी जता चुके हैं चिंता

पश्चिम बंगाल के गवर्नर धनखड़ इससे पूर्व भी राज्य में हिंसा का मुद्दा उठा चुके हैं। सीएम के रूप में ममता की ताजपोशी के बाद उन्होंने राज्य के हालात सुधारने की अपील की थी। इस पर ममता बनर्जी ने राज्य की व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथों में होने की बात कहते हुए कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कही थी मगर ममता के मंत्रियों के शपथ लेने के बाद राज्यपाल ने एक बार फिर राज्य में हिंसा की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई।

लोकतंत्र का गला घोंटने वालों पर कार्रवाई हो

राज्यपाल ने कहा कि सरकार को बंगाल की जमीनी हकीकत समझने के साथ ही राज्य के लोगों में विश्वास की भावना पैदा करनी चाहिए। ऐसे अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि मुझे राज्य सरकार की प्रतिक्रिया की पूरी जानकारी है, क्योंकि सरकार भी यही चाहती थी। मुझे सरकार में किसी भी तरह की जिम्मेदारी या जवाबदेही की भावना नहीं दिख रही है।

मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान सीएम ममता और राज्यपाल (फोटो: सोशल मीडिया)
अफसरों के रवैये पर जताई नाराजगी
राज्य सरकार के अफसरों के रवैये पर नाखुशी जताते हुए राज्यपाल ने कहा कि मैंने पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों से 3 मई को ही रिपोर्ट मांगी थी। राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से भी हालात सुधारने की दिशा में उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा था। मैंने अफसरों से पूछा था कि हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए उनके पास क्या योजना है मगर अधिकारियों की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई।
बाद में मुख्य सचिव और डीजीपी मुझसे मिलने जरूर आए मगर उनके पास हिंसा की घटनाओं के संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं थी। अफसरों ने मेरे पास रिपोर्ट न भेजने की कोई वजह भी नहीं बताई। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि मुख्य सचिव और डीजीपी केवल हाजिरी लगाने के लिए मेरे पास आए थे।

दौरे के लिए नहीं दिया हेलिकॉप्टर

राज्यपाल ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के उदासीन रवैये के कारण मैं हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा नहीं कर सका। मैंने प्रभावित इलाकों में जाने के लिए हेलिकॉप्टर मांगा था मगर मुझे लिखित में इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। अनाधिकारिक तौर पर मुझे बताया गया कि हेलिकॉप्टर मुहैया कराने में कुछ समस्या है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से लिखित में जवाब न देने पर भी आपत्ति जताई।

हिंसा की घटनाओं पर सरकार डाल रही पर्दा 

उन्होंने कहा कि सबसे बुरी बात तो यह है कि चुनाव के बाद विपक्षी उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं और उन्हें वोट देने वालों को अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। ऐसे में बंगाल को संविधान के मुताबिक चलाना बहुत मुश्किल नजर आ रहा है। मुझे रात में किसी भी इलाके में हिंसा की खबर मिलती है मगर सुबह मुझे सबकुछ ठीक बताया जाता है। सच्चाई तो यह है कि राज्य सरकार हिंसा की घटनाओं पर पर्दा डालने में जुटी हुई है।



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