सोशल मीडिया से आधार लिंक! SC ने कहा- हमें ही उठाना होगा कदम

इस मामले की अगस्त में सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा था कि सोशल मीडिया को आधार से लिंक करने का जो मामला मद्रास हाईकोर्ट के सामने लंबित है वह जारी रहेगा लेकिन कोई अंतिम आदेश इस मामले में पारित नहीं किया जाएगा।

Update:2023-04-23 13:25 IST

नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और वॉट्सऐप को लेकर बड़ी खबर आ रही है।सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया को आधार से लिंक करने के मामले पर केंद्र सरकार से औपचारिक जवाब तलब किया है। साथ ही कहा कि इस मासले पर जल्‍द से जल्‍द फैसला किया जाना चाहिए। पीठ ने तीखी टिप्‍पणी करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार इस मामले को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है तो हमें ही कुछ करना होगा। पीठ ने कहा कि सरकार इस मामले में जल्‍द जवाब दे।

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इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट यह भी तय किया जायेगा कि लोअर कोर्ट में चल रही सुनवाई को वहीं होने दिया जाए या फिर मामले को रफा-दफा भी किया जा सकता है।

बताया जा रहा है कि तमिलनाडू सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से मामला मद्रास हाईकोर्ट में चलने की अपील की थी।

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इस मामलें मांगी थी प्रतिक्रिया...

बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र, गूगल, ट्विटर, यूट्यूब और अन्य लोगों को नोटिस भेजा था और उनसे 13 सितंबर तक प्रतिक्रिया मांगी थी।

जस्टिस ने कहा...

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इस मामले की अगस्त में सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा था कि सोशल मीडिया को आधार से लिंक करने का जो मामला मद्रास हाईकोर्ट के सामने लंबित है वह जारी रहेगा लेकिन कोई अंतिम आदेश इस मामले में पारित नहीं किया जाएगा।

सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने SC से कहा...

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सुप्रीम कोर्ट के सामने सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने बताया कि उनके खिलाफ पारित किसी भी आदेश का वैश्विक असर होगा।

साथ ही साथ उन्होंने कहा कि इसलिए शीर्ष अदालत को इस तरह के एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर फैसला करना चाहिए और विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित सभी मामलों को सुप्रीम में हस्तांतरित किया जाना चाहिए।

बहरहाल, सरकार फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार कार्ड से लिंक करने की तैयारी में है।

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बताया जा रहा है कि इस मामले में सरकार ने UIDAI से राय भी मांगी थी। हालांकि, यह बात भी सामने आई है चूंकि आधार का इस्तेमाल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी से जुड़ी योजनाओं के लिए हो रहा है इसलिए इसे आधार से लिंक करना मुश्किल है।

बता चलें कि पिछले वर्ष जुलाई माह में पहचान के लिए सोशल मीडिया को आधार से लिंक करने के मामले में एंटोनी क्लीमेंट रूबिन ने एक पीआईएल डाली थी।

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