Balasore Train Accident: सिग्नल जेई के घर को सीबीआई ने सील किया
Balasore Train Accident: सीबीआई ने 6 जून को ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे की जांच अपने हाथ में ली। एजेंसी इस मामले में पहले ही एक एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
Balasore Train Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोरो सेक्शन सिग्नल जूनियर इंजीनियर (जेई) के किराए के घर को सील कर दिया है। केंद्रीय एजेंसी की पांच सदस्यीय टीम 19 जून की सुबह जूनियर इंजीनियर के घर पहुंची और उसे सील कर दिया। पड़ोसियों के मुताबिक, हादसे के बाद से ही घर में ताला लगा हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई की एक टीम जब सोरो इलाके में जेई के किराए के मकान पर पहुंची तो घर में ताला लगा हुआ था और पूरा परिवार लापता था। हालांकि दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी ने सिग्नल जूनियर इंजीनियर के अपने परिवार सहित घर से लापता होने के दावों का खंडन किया है। चौधरी ने कहा, "कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं कि बहनागा का एक कर्मचारी फरार और लापता है। यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। पूरा स्टाफ मौजूद है और पूछताछ का हिस्सा है। वे एजेंसी के सामने पेश हो रहे हैं।"
इसके पहले की खबरों के अनुसार, इस जेई से बालासोर ट्रेन दुर्घटना में चल रही जांच में सीबीआई ने पहले भी एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की थी। जब सीबीआई उनसे दोबारा पूछताछ करने पहुंची तो पाया कि जेई और उसका पूरा परिवार वहां नहीं थे। इसके बाद सीबीआई ने मकान को सील कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई बहनगा बाजार स्टेशन के स्टेशन मास्टर सहित पांच रेलवे कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच कर रही है। चार अन्य कर्मचारी सिग्नलिंग से जुड़े काम के लिए जिम्मेदार थे और दुर्घटना के समय ड्यूटी पर थे।
सिग्नल में हेरफेर
सीबीआई ने 6 जून को ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे की जांच अपने हाथ में ली। एजेंसी इस मामले में पहले ही एक एफआईआर दर्ज कर चुकी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, लाइन पर सिग्नल में हेरफेर किया गया था. रेलवे की प्रारंभिक जांच में 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम' और 'प्वाइंट्स' के साथ "हस्तक्षेप" का भी संकेत मिलता है, जो दुर्घटना के "मूल कारण" के रूप में बताया गया है।
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जेई की भूमिका
रेलवे में सिग्नल जूनियर इंजीनियर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि वही व्यक्ति ट्रेन संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। वह सिग्नल, ट्रैक सर्किट, पॉइंट मशीन और इंटरलॉकिंग सिस्टम सहित सिग्नलिंग उपकरण की स्थापना, रखरखाव और मरम्मत में शामिल है। हालाँकि, सिग्नल जूनियर इंजीनियर की भूमिका भारतीय रेलवे के भीतर विशेष डिवीजन या ज़ोन के आधार पर भिन्न हो सकती है।
बता दें कि 2 जून को शाम करीब 7 बजे, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस बहंगा बाजार स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। दुर्घटना के बाद, कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय स्टेशन से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के आखिरी कुछ डिब्बों से टकरा गए थे। इसे भारत की सबसे खराब ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक के रूप में वर्णित किया गया था जिसमें 292 लोगों की जान चली गई थी। केंद्र ने घोषणा की कि मामले की जांच सीबीआई करेगी। 6 जून को एजेंसी ने जांच का जिम्मा संभाला।