आरे के बाद उद्धव का एक और बड़ा फैसला, अब इन प्रदर्शनकारियों के केस वापस होंगे
नाणार परियोजना के लिए इस क्षेत्र के 14 गांवों की लगभग 15,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। नाणार तेल रिफाइनरी परियोजना IOC, HPCL और BPCL और सऊदी पेट्रोलियम की दिग्गज कंपनी अरामको और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी के बीच एक महत्वाकांक्षी तीन ट्रिलियन डॉलर का संयुक्त उपक्रम था।
नई दिल्ली: चर्चित मामला आरे के बाद अब महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाणार रिफाइनरी प्रदर्शनकारियों को राहत पहुंचाते हुए उनके खिलाफ केस वापस लेने के आदेश दिए हैं। शिवसेना रत्नगिरि में तेल रिफाइनरी प्रोजेक्ट का विरोध करती रही है। शिवसेना के विरोध के बाद इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। तत्कालीन सरकार में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे।
शिवसेना रत्नगिरि में तेल रिफाइनरी प्रोजेक्ट का विरोध करती रही है
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नाणार परियोजना के लिए इस क्षेत्र के 14 गांवों की लगभग 15,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। नाणार तेल रिफाइनरी परियोजना IOC, HPCL और BPCL और सऊदी पेट्रोलियम की दिग्गज कंपनी अरामको और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी के बीच एक महत्वाकांक्षी तीन ट्रिलियन डॉलर का संयुक्त उपक्रम था।
नाणार रिफाइनरी प्रोजेक्ट के खिलाफ 14 गावों के पंचायतों ने भी असहमति जताई थी। शिवसेना ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था। शिवसेना के साथ-साथ पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इस प्रोजेक्ट को बंद करने की मांग की थी।
विरोध के बाद रुका था प्रोजेक्ट
बीजेपी सरकार को गठबंधन की भागीदार शिवसेना के विरोध के बाद बैकफुट पर आना पड़ा था। महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रोकने का फैसला किया था और कहा था कि इस प्रोजेक्ट को कहीं और शुरू किया जाएगा।
यह प्रस्तावित रूट वडाला (मुंबई) से कासरवडावली (ठाणे) जाएगी। एलिवेटेड मेट्रो लाइन के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जाने वाली है। पेड़ों की कटाई रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने लगाया पेड़ों की कटाई पर दो सप्ताह के लिए रोक
सुप्रीम कोर्ट ने अब इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पेड़ों की कटाई पर दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार और मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी को आदेश दिया है। वडाला-कासरवडाली कॉरिडोर के अस्तिव में आने से मुंबई और उपनगरीय इलाके ठाणे का सफर बेहद आसान हो जाएगा।
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स्थानीय लोगों ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया था
मुंबई मेट्रो के लिए महानगर के आरे कॉलोनी इलाके में शेड का काम निर्माणाधीन है। फडणवीस सरकार के समय यहां पर शेड बनाने के लिए बड़ी तादाद में पेड़ों की कटाई की गई थी। आरे के स्थानीय लोगों ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था। इस मामले में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन तक किया था। इस मामले में पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया है।
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उद्धव सरकार ने मेट्रो शेड के लिए सुझाया दूसरा स्थान
उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद आरे में मेट्रो शेड को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। महाविकास अघाड़ी की सहयोगी पार्टी एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार (1 दिसंबर 2019) को बताया था कि उद्धव सरकार ने मेट्रो शेड के लिए आरे के बजाय एक अन्य स्थान का सुझाव दिया है।
उनके मुताबिक, राज्य सरकार ने गोरेगांव स्थित RPF के परेड ग्राउंड में मेट्रो शेड बनाने का सुझाव विधानसभा के समक्ष रखा है। उनका कहना है कि ग्राउंड का एक बड़ा हिस्सा खाली ही रहता है, जहां आमतौर पर शादी जैसे समारोहों का आयोजन किया जाता है। नवाब मलिक ने बताया कि यह 102 एकड़ में फैला है।