पूर्व CJI रंजन गोगोई बोले, शपथ ग्रहण के बाद दूंगा हर सवालों का जवाब

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार देर शाम जारी किए गए नोटिफिकेशन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व सीजेआई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।

Update: 2020-03-17 09:13 GMT

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार देर शाम जारी किए गए नोटिफिकेशन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व सीजेआई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजे जाने की खबर के बाद से ही सियासी गलियारों में तूफान आ गया है। राजनीतिक बयानबाजी के बीच अब रंजन गोगोई ने पत्रकारों से कहा कि वह शपथ ग्रहण के बाद इसका जवाब देंगे।

असम में पत्रकारों से बातचीत में जस्टिस गोगोई ने कहा कि मैं संभवतः कल (बुधवार को) दिल्ली जाऊंगा। मुझे शपथ ग्रहण करने दीजिए, फिर विस्तार से मीडिया को बताऊंगा कि मैंने राज्यसभा की सदस्यता क्यों स्वीकार की?

बता दें कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने देश के शीर्ष न्यायिक पद पर 13 महीने तक कार्य किया है। रंजन गोगोई 3 अक्टूबर 2018 को भारत के 46वें चीफ जस्टिस बने थे। गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर हुए थे। उन्होंने पिछले साल 9 नवंबर को राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।

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विपक्ष के कई नेताओं ने उठाए हैं सवाल

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। सिब्बल ने दावा किया है कि गोगोई न्यायपालिका और खुद की ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे।

सिब्बल ने ट्वीट कर कहा कि न्यायमूर्ति एचआर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे।

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तो वहीं ओवैसी ने पूछा है कि क्या ये की गई मदद का ईनाम है? ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि क्या ये की गई मदद का ईनाम है? लोगों का जजों की स्वतंत्रता पर भरोसा कैसा रहेगा? बहुत से सवाल हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यायपालिका का पर गहरा हमला है। गोगोई से सीधा लेना देना नहीं है। आस्था पर सवाल उठा है। परसेप्शन को लेकर सवाल उठेगा। अगर मैंने गलत किया तो आप भी गलत करेंगे।

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रिटायर जज लोकुर ने कहा कि जो सम्मान जस्टिस गोगोई को अब मिला है उसके कयास पहले से ही लगाये जा रहे थे। ऐसे में उनका नामित किया जाना चौंकाने वाला नहीं है, लेकिन यह जरूर अचरज भरा है कि ये बहुत जल्दी हो गया। यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता को फिर से परिभाषित करता है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि आखिरी पिलर भी ढह गया है?

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