INDIA Alliance Mumbai Meeting: गठबंधन INDIA की बैठक की तैयारियां, नीतीश को लगेगा झटका, खड़गे को संयोजक बनाने की तैयारी
INDIA Alliance Mumbai Meeting: इस दो दिवसीय बैठक में 150 से अधिक नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है जिनमें छह राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। बैठक में हिस्सा लेने के लिए नेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
INDIA Alliance Mumbai Meeting: पटना और बेंगलुरु के बाद अब विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है। 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली बैठक के लिए मुंबई में जोरदार तैयारियां की गई हैं। इस दो दिवसीय बैठक में 150 से अधिक नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है जिनमें छह राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। बैठक में हिस्सा लेने के लिए नेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे व बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव मंगलवार को ही मुंबई पहुंच गए।
इस बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के साथ ही विपक्षी गठबंधन के लोगों पर भी मुहर लगने की संभावना है। मुंबई बैठक के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लग सकता है। जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार की जगह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्षी गठबंधन इंडिया के संयोजक पद की जिम्मेदारी सौंप जा सकती है। इसके अलावा दूसरे दलों के 11 प्रमुख नेताओं को सह संयोजक पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। बैठक के दिल्ली में मुख्यालय स्थापित करने की घोषणा भी किए जाने की संभावना है।
मुंबई में बैठक की जोरदार तैयारियां
मुंबई में गुरुवार और शुक्रवार को होने वाली विपक्षी गठबंधन की बैठक की ग्रैंड तैयारियां की गई हैं। एयरपोर्ट के पास स्थित पांच सितारा ग्रैंड हयात होटल में भव्य आयोजन की तैयारियां आखिरी दौर में हैं। आयोजन को भव्य बनाने के लिए कई छोटी समितियां का गठन किया गया है जो परिवहन से लेकर मीडिया प्रचार और अन्य लॉजिस्टिक की देखरेख कर रही हैं।
बैठक में हिस्सा लेने के लिए विपक्षी नेताओं के मुंबई पहुंचने का सिलसिला मंगलवार की शाम से ही शुरू हो गया है। प्रमुख नेताओं में सबसे पहले राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव मुंबई पहुंचे हैं। विपक्षी नेताओं के लिए ग्रैंड हयात होटल में सौ से ज्यादा कमरे बुक किए गए हैं। इसके अलावा हयात होटल के आसपास के होटलों में भी कमरे बुक कराए गए हैं ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो।
तीन दलों के नेताओं ने संभाल रखी है जिम्मेदारी
बैठक में विपक्षी नेताओं का स्वागत भी शानदार ढंग से करने की तैयारी है। मेहमानों का स्वागत महाराष्ट्रीयन अंदाज में तुतारी और नासिक ढोल से किया जाएगा। कल शाम को सभी विपक्ष नेताओं की अनौपचारिक बैठक होगी। इसके बाद डिनर का आयोजन होगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से गुरुवार को विपक्षी नेताओं के लिए डिनर का आयोजन किया गया है। डिनर में महाराष्ट्र की पारंपरिक डिशों के अलावा लजीज शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजन परोसने की तैयारी है।
बैठक के आयोजन में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों दलों के नेता प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। गठबंधन में शामिल तीनों दलों शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट),कांग्रेस और एनसीपी के 18 लोगों की एक टीम बनाई है। तीनों प्रमुख दलों के 6- 6 लोगों को रखकर कर जिम्मेदारियों का बंटवारा किया गया है।
बैठक में होंगे कई महत्वपूर्ण फैसले
मुंबई बैठक से पहले विपक्षी दलों की पटना में 23 जून और बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को दो बैठकें हो चुकी हैं। ऐसे में तीसरी बैठक सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक के दौरान गठबंधन के लोगों का अनावरण किया जाएगा। पहले हुई दोनों बैठकों के दौरान न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर कोई चर्चा नहीं हुई थी मगर मुंबई बैठक के दौरान इस पर भी चर्चा किए जाने की संभावना है।
मीडिया में इंडिया गठबंधन की बातों को मजबूती से रखने के लिए प्रवक्ताओं की नियुक्ति पर भी चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही भविष्य में सामूहिक रैली के जरिए एनडीए को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी पर भी चर्चा होने की संभावना है।
नीतीश को लगेगा झटका,खड़गे बनेंगे संयोजक
मुंबई बैठक के दौरान गठबंधन का संयोजक नियुक्त किए जाने का मामला सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अभी तक यह प्रयास लगाए जाते रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाया जा सकता है मगर अब उनकी उम्मीदों को झटका लगता दिख रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार की जगह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
लालू के बयान के बाद बढ़ गया सस्पेंस
जदयू सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने इंडिया का संयोजक बनने से इनकार कर दिया है। उनकी ओर कांग्रेस से कहा गया है कि वह अपने किसी नेता को गठबंधन का संयोजक बनाए। हालांकि चर्चा यह भी है कि नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बनना मुश्किल माना जा रहा था।
इसके साथ ही राजद मुखिया लालू यादव के कई संयोजक वाले बयान के बाद सस्पेंस और बढ़ गया था। लालू यादव का कहना था कि गठबंधन में कई संयोजक बनाए जा सकते हैं।
इसके बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि वे संयोजक बनने के इच्छुक नहीं है। उनका कहना था कि मेरी लालसा कोई पद पाने की नहीं है बल्कि मेरा मकसद एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट बनाना है।
पीके ने नीतीश कुमार पर कसा तंज
दूसरी ओर चुनाव रणनीतिकार और स्वराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की बिहार में पकड़ कमजोर पड़ चुकी है और वे पूरे देश में अपनी राजनीति चमकाने के लिए निकले हैं। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार के लिए बिहार में ही पैर रखने का ठिकाना नहीं है तो वे देश क्या संभालेंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है। उसके बाद टीएमसी और तीसरे पर डीएमके का नंबर है। बिहार के बाहर नीतीश कुमार का नाम लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में वे न जाने कैसे विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनने का सपना देख रहे हैं।