Coromandel Express Accident: एक-एक लाश के कई दावेदार, 101 लाशों की अभीतक नहीं हो सकी पहचान, शुरू हुई डीएनए सैंपलिंग
Coromandel Express Accident: 177 लाशों की पहचान कर उन्हे उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। लेकिन अभी 101 लाशे लावारिस पड़ी हैं। अभी तक उनकी पहचान नहीं हो सकी है। हावड़ा ADM जितिन यादव के अनुसार लाशों की पहचान के लिए काफी मसक्कत करनी पड़ रही है।
Coromandel Express Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे में 278 यात्रियों की मौत हो गयी। 177 लाशों की पहचान कर उन्हे उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। लेकिन अभी 101 लाशे लावारिस पड़ी हैं। अभी तक उनकी पहचान नहीं हो सकी है। हावड़ा ADM जितिन यादव के अनुसार लाशों की पहचान के लिए काफी मसक्कत करनी पड़ रही है। कुछ लाशों पर तो कई लोग दावा कर रहे हैं। इब इस समस्या से निपटने के लिए एआईआईएमएस भुवनेश्वर नें डीएनए सैंपलिंग कर दी है। दावा कर रहे परिवारों से 10 डीएनए सैंपल लिए गए हैं।
177 लाशों को परिजनों को सौंप दिया गया
AIIMS के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉक्टर प्रवास त्रिपाठी के अनुसार पहचाने गए 177 लाशों को परिजनों को सौंप दिया गया है। 278 लाशों में से 177 लाशों को पहचान के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया है। अभी तक 101 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। शव को संरक्षित करने के लिए पांच अलग-अलग कंटेनर में रखे गए हैं, जिससे शव लंबे समय तक रखे जाने के बाद खराब न हो। यहां पर शव छह महीने तक सुरक्षित हैं। इस लिए अंतिम संस्कार के लिए जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है।
युवक ने लगाए गंभीर आरोप
झारखंड के एक युवक नें एम्स प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पांच मई को उपेन्द्र शर्मा के लाश की पहचान की थी। इसके बावजूद मंगलवार को शव को और किसी को सौंप दिया। कहा कि अब सैंपलिंग कराने की क्या जरूरत जब शव दूसरे को ही शौंप दिया जा रहा है। युवक द्वारा लगाए गए आरोप के बाद डॉ. प्रवास त्रिपाठी ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही शवों को उनके परिजनों को सौंपा जा रहा है। हांलाकि यह सच है कि एक शव पर कई परिवार दावे कर रहे हैं। इसलिए डीएनए सैंपलिंग किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने में लगभग सात से आठ दिन का समय लग जाता है।
इन 6 राज्यों के हैं सबसे अधिक मृतक
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन एक्सीडेंट में पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा प्रशासन ने साथ मिलकर AIIMS भुवनेश्वर में हेल्पडेस्क की शुरुआत की है। केस से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर पीड़ित पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा राज्य के रहने वाले थे। वहीं CBI, रेलवे सुरक्षा कमिश्नर और GRP ने ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है। खुर्दा डीआरएम रिंकेश रॉय आशंका जताया है कि उपकरणों के साथ छेड़छाड़ के कारण ही इतना बड़ा हादसा हो गया।
ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट अबतक का अपडेट
बता दें कि ओडिशा के बालासोर के शुक्रवार (2 जून) को बहनागा बाजार में ट्रेन हादसा हो गया था। इसके बाद रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख एवं गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये जबकि अन्य घायलों को 50,000 रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रेल मंत्री व कई अन्य बड़े नेता हालातों का जायजा लेने ओडिशा पहुंचे थे। पीएम ने पीड़ितों से बात कर घटना की जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही कराने को कहा। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं विपक्ष लगाता रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा था।