महाराष्ट्र में चिट्ठी पर बवाल: परमबीर सिंह पहुंचे SC, की CBI जांच की मांग

परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्होंने जो दावे किए हैं, उनकी सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा अफसर रश्मि शुक्ला ने जो ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर जो रिपोर्ट सबमिट की थी, उसकी भी जांच की जानी चाहिए।

Update: 2021-03-22 10:02 GMT
महाराष्ट्र में चिट्ठी पर बवाल: परमबीर सिंह पहुंचे SC, की CBI जांच की मांग

मुंबई: महाराष्ट्र में एक तरफ राजनीतिक दलों द्वारा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की जा रही है। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह (Param Bir Singh Letter News) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर खुद के होमगार्ड विभाग में तबादले को अवैध बताया है। इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की सीबीआई से जांच करवाने की भी मांग की है।

सीसीटीवी की जांच होनी चाहिए

परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्होंने जो दावे किए हैं, उनकी सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा अफसर रश्मि शुक्ला ने जो ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर जो रिपोर्ट सबमिट की थी, उसकी भी जांच की जानी चाहिए। इतना ही नहीं, परमबीर सिंह ने अपील की है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर के सीसीटीवी की जांच होने चाहिए, ताकि सभी तथ्य हर किसी के सामने आ जाएं।

हर महीने 100 करोड़ रुपये कलेक्ट करने का टारगेट

परमबीर सिंह ने दावा किया कि अनिल देशमुख अपने घर पर सचिन वाजे के साथ लगातार बैठक कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने सचिन वाजे को मुंबई से हर महीने 100 करोड़ रुपये कलेक्ट करने का टारगेट दिया था। परमबीर सिंह ने दावा किया कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी, लेकिन कुछ वक्त बाद ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया।

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परमबीर सिंह ने लगाए ये आरोप

आपको बता दें कि परमबीर सिंह को हाल ही में मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया और डीजी होमगार्ड्स के पद पर भेजा गया। इसी के बाद परमबीर सिंह की एक चिट्ठी सामने आई, जो उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजी थी।

परमबीर सिंह ने चिट्ठी में दावा किया है कि

परमबीर सिंह ने इस चिट्ठी में दावा किया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने API सचिन वाजे से हर महीने सौ करोड़ रुपये की मांग की थी, जो मुंबई के अलग-अलग क्षेत्रों से वसूले जाने थे। पहले इस चिट्ठी की सत्यता पर सवाल हुआ था, लेकिन परमबीर सिंह ने बाद में खुद कहा कि ये चिट्ठी उनकी ही है। इसके अलावा परमबीर सिंह ने दावा किया था कि API सचिन वाजे ने कई बार गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात की थी। ऐसे में इस पूरे प्रकरण की भी जांच की जानी चाहिए।

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चिट्ठी के बवाल की गूंज मुंबई से दिल्ली तक

परमबीर सिंह की चिट्ठी से जो बवाल हुआ, उसकी गूंज मुंबई से दिल्ली तक सुनाई दी है। अनिल देशमुख ने पहले इन दावों को गलत बताया और परमबीर सिंह पर मानहानि का दावा करने की बात कही। इसके बाद जब बीजेपी ने अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की तो खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार उनके बचाव में आए।

शरद पवार ने कहा कि शुरुआत में इन आरोपों में दम दिख रहा था, लेकिन अब साफ हो गया है कि इनमें कोई दम नहीं है और ऐसे में अब अनिल देशमुख के इस्तीफे का कोई सवाल नहीं उठता है। वहीं, अगर मामले की जांच होती है तो वो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथ में हैं।

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