नीता अंबानी बनेंगी BHU में प्रोफेसर, जानें क्या है इसकी सच्चाई, छात्रों ने किया विरोध

नीता अंबानी को BHU का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने की खबरें सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया था। यहां तक कि स्टूडेंट्स ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर बीएचयू को उद्योगपतियों के इशारे पर चलाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग भी की थी। 

Update:2021-03-17 13:32 IST
नीता अंबानी बनेंगी BHU में प्रोफेसर, जानें क्या है इसकी सच्चाई, छात्रों ने किया विरोध

मुंबई: हाल ही में मीडिया में खबरें थीं कि बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के प्रोफेसर्स ने नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन ये खबरें फेक करार दी गई हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रवक्ता (Reliance Industries Limited spokesperson) ने इस सभी खबरों को गलत बताया है।

रिलायंस के प्रवक्ता ने कही ये बात

प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक और रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अंबानी (Nita Ambani) के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में विजिटिंग प्रोफेसर बनने की खबर फर्जी है। नीता अंबानी को विश्वविद्यालय की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। प्रवक्ता ने कहा है कि मीडिया में चल रही सभी खबरें झूठी हैं।

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(फोटो- इंस्टाग्राम)

छात्रों ने किया विरोध

आपको बता दें कि नीता अंबानी को BHU का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने की खबरें सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया था। यहां तक कि स्टूडेंट्स ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर बीएचयू को उद्योगपतियों के इशारे पर चलाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग भी की थी।

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किया गया था ये दावा

गौरतलब है कि ऐसी खबरें थीं कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने बताया था कि नीता अंबानी ने मौखिक तौर पर प्रस्ताव स्वीकारा भी है। हालांकि इन खबरों को झूठा करार दे दिया गया है।

आपको बता दें कि नीता अंबानी ने मुंबई यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया है। उन्हें साल 2014 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) की कार्यकारी निदेशक (Executive Director) बनाया गया था। वहीं, उन्होंने साल 2010 में रिलायंस फाउंडेशन का गठन किया था। माना जा रहा था कि एक सफल महिला उद्यमी होने की वजह से उनके नाम पर विचार किया गया।

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