हैदराबाद की इस महिला डॉक्टर ने खोज लिया कोरोना वायरस का टीका

कोरोना ने दुनियाभर में कहर मचा रखा है। इस लाइलाज बीमारी ने पूरी को दुनिया को सकते में डाल दिया है। वहीं इसी बीच भारत में...

Update: 2020-03-28 04:46 GMT

नई दिल्ली: कोरोना ने दुनियाभर में कहर मचा रखा है। इस लाइलाज बीमारी ने पूरी को दुनिया को सकते में डाल दिया है। वहीं इसी बीच भारत के लिए एक राहत भरी खबर आई है। दरअसल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के जैव रसायन विभाग की एक संकाय सदस्य ने कोरोना वायरस के लिए एक टीका बनाया है। टीके को टी सेल एपिटोप्स कहा जाता है जो नोवल कोरोना वायरस के सभी 'संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के परीक्षण के लिए है।'

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कोरोना वायरस सभी प्रोटीनों के खिलाफ है

इस बात की जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है। उसमें बताया गया है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज की संकाय सदस्य डॉक्टर सीमा मिश्रा ने परीक्षण के लिए सेल एपिटोप्स नामक संभावित टीके उम्मीदवारों को डिजाइन किया है। जो नोवल कोरोनो वायरस के सभी संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के खिलाफ है। ये वैक्सीन छोटे कोरोनवायरल पेप्टाइड्स हैं, जो अणुओं की कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है।

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इससे पूरे भारत में सबको लग जाएगा टीका

इन वायरल पेप्टाइड्स को नुकसान पहुंचाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता तैयार की जा सके। कम्प्यूटेशनल सॉफ्टवेयर के साथ शक्तिशाली इम्यूनोइंफोर्मेटिक्स का उपयोग करते हुए, डॉक्टर सीमा मिश्रा ने इन संभावित एपिटोप्स को इस तरह से डिजाइन किया है कि पूरी आबादी को इसका टीका लगाया जा सकता है।'

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करीब 10 दिन में बन जाएगा टीका

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, 'आमतौर पर किसी टीके की खोज में 15 साल लगते हैं, लेकिन शक्तिशाली कम्प्यूटेशनल टूल ने लगभग 10 दिनों में इस वैक्सीन को बनाने में मदद की। वायरस को रोकने के लिए मानव कोशिकाओं द्वारा कितना प्रभाव इस्तेमाल किया जाएगा, इसके आधार पर संभावित टीकों की एक रैंक सूची तैयार की गई है।

 

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यह रहेगी ध्यान देने वाली बात

मानव प्रोटीन पूल में मौजूद किसी भी मैच के साथ इस कोरोनवायरल एपिटोप्स मानव कोशिकाओं पर कोई विपरीत असर नहीं डालते हैं इसलिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया वायरल प्रोटीन के खिलाफ होगी न कि मानव प्रोटीन के। हालांकि इन परिणामों को निर्णायक रूप प्रदान करने के लिए प्रयोगात्मक रूप से जांच की जानी है।

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अध्ययन में ये निकला

इन परिणामों को तत्काल प्रयोगात्मक कसौटी पर परखने के लिए चेमआरजीव (ChemRxiv) प्रीप्रिंट प्लेटफॉर्म का उपयोग करके वैज्ञानिक समुदाय में प्रसारित किया गया है। एनकोव (nCov) टीका डिजाइन पर ये भारत का पहला ऐसा अध्ययन है जो वायरस द्वारा बनाने वाले संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों में पूरे कोरोनावायरल प्रोटिओम की खोज करता है।'

 

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प्रधानमंत्री ने कोरोना को लेकर किया था सचेत

मंगलावर प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने और उसके प्रसार को फैलने से रोकने के लिए यह जरूरी है कि आप घर पर रहें। बाहर निकलने पर कई परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे। उन्होंने स्वीकार किया था कि इसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा लेकिन फिर भी लॉकडाउन आवश्यक है। भारत में अब तक 700 से ज्यादा लोक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, 17 लोगों की मौत हो गई है।

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