विपक्ष के दांत खट्टे कर देने वाले 'खट्टर' की कहानी, कुछ ऐसा है राजनीतिक सफर

मनोहर लाल खट्टर 26 अक्टूबर 2014 को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले पहले भाजपा नेता हैं। पूर्व आरएसएस प्रचारक और हरियाणा के 10 वें मुख्यमंत्री हैं, और भाजपा 2014 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भूपिंदर सिंह हुड्डा (आईएनसी) के राज्य से जीत हासिल की थी

Update:2019-10-26 17:13 IST

हरियाणा: हरियाणा में सरकार बनने का रास्ता हो गया है। राज्य में बीजेपी और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की सरकार बनने जा रही है।

आपको बता दें कि इस नई सरकार में बीजेपी का मुख्यमंत्री और जेजेपी का उपमुख्यमंत्री होगा। बीजेपी की विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।

आईये आपको परिचय कराते हैं, अभी तक कैसा रहा है मनोहर लाल खट्टर का राजनीति सफर...

मनोहर लाल खट्टर 26 अक्टूबर 2014 को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले पहले भाजपा नेता हैं। पूर्व आरएसएस प्रचारक और हरियाणा के 10 वें मुख्यमंत्री हैं, और भाजपा 2014 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भूपिंदर सिंह हुड्डा (आईएनसी) के राज्य से जीत हासिल की थी।

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इसके साथ ही आपको बता दें कि 1977 में बीजेपी के पैरेंटल संगठन के स्थायी सदस्य बनने के बाद, उन्होंने 14 वर्षों तक आरएसएस की सेवा की और बाद में 1994 में भाजपा में शामिल हो गए।

खट्टर, जो आजीवन स्नातक हैं, करनाल निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। खत्री जाति से संबंधित खट्टर ने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस विरोधी सुरेंद्र सिंह नारवाल को 63,736 वोटों के भारी अंतर से हराकर 2014 के चुनावों में अपना पहला चुनाव जीता।

बता दें कि एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता से, खट्टर ने पार्टी रैंक में अपनी जगह बनाई और बीजेपी के संगठनात्मक सचिव बने और उन्हें अंततः उन्हें मुख्यमंत्री बनने और इतिहास बनाने के लिए पुरस्कृत किया गया।

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मनोहर लाल खट्टर...

मनोहर लाल खट्टर (जन्म: 5 मई 1954) भारत के हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री हैं। 26 अक्टूबर 2014 को उन्होने हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। वे हरियाणा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो गैर जाट समुदाय से आते हैं।

इसके साथ ही आपको बता दें कि 18 वर्ष बाद वे इस पद पर विराजमान होने वाले पहले गैर जाट नेता हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुके हैं।

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आपको बता दें कि हरियाणा विधान सभा में वे करनाल का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2014 के हरियाणा विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय के पश्चात् विधायक दल द्वारा उन्हें नेता चुना गया तथा मुख्यमंत्री पद हेतु नामित किया गया।

2014 में पहला चुनाव जीतकर बने मुख्‍यमंत्री...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अतीत मनोहर लाल खट्टर को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने में सीढ़ी साबित हुआ, मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के दसवें मुख्यमंत्री हैं, आरएसएस के प्रचारक रहे मनोहर लाल खट्टर ने साल 2014 में पहली दफे चुनाव जीता।

हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार के वक्त हुए चुनाव में खट्टर ने करनाल में करिश्मा कर दिखाया, उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह नारवाल को 63,736 वोटों के भारी अंतर से हराकर 2014 के चुनावों में अपना पहला चुनाव जीता।

मनोहर लाल खट्टर को संघ की सेवा का फल भी मिला कि जिस चेहरे से लोग 2014 के विधानसभा चुनाव तक अंजान थे उसी चेहरे ने पहली दफे चुनाव जीतकर ही मुख्यमंत्री पद का ताज भी पहना।

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दिल्‍ली के सदर बाजार में खोली थी दुकान....

आपको बता दें कि खट्टर खत्री जाति से आते हैं, वो मूल रूप से पंजाबी हैं। खट्टर का जन्म 5 मई 1954 को रोहतक जिले की महम तहसील के निदाना गांव में हुआ।

दरअसल, उनका परिवार बंटवारे के बाद पाकिस्तान को छोड़कर रोहतक जिले के बिदाना गांव में बस गया था। खट्टर की स्कूली शिक्षा रोहतक में ही हुई, 10वीं पास करने के बाद वो रोहतक से दिल्ली आ गए।

इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्‍वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने सदर बाजार में एक दुकान खोल ली, वो आपातकाल का दौर था, उस दौरान खट्टर आरएसएस के संपर्क में आए।

24 साल की उम्र में आरएसएस के सदस्‍य बने...

बता दें कि साल 1977 में मात्र 24 साल की उम्र में ही खट्टर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली, 27 साल की उम्र में वे संघ के प्रचारक बन गए। 14 साल तक वो लगातार संघ के लिए प्रचार करते रहे।

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साल 1994 में खट्टर बीजेपी में शामिल हुए, बीजेपी ने खट्टर को हरियाणा का महासचिव बनाया। साल 2014 तक वो हरियाणा के प्रदेश महासचिव के पद पर बने रहे, हरियाणा के सीएम हे के अलावा वो बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य भी हैं।

संघ के प्रचार में समर्पित किया जीवन...

आपको बता दें कि मनोहर लाल खट्टर अविवाहित हैं, उन्होंने अपना जीवन संघ के प्रचार में समर्पित कर दिया, संघ के प्रचारक के दौर में ही उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से हुई थी। इसके साथ ही आपको बता दें कि मोदी उस वक्त हरियाणा बीजेपी के प्रभारी हुआ करते थे, दोनों की घनिष्ठता और आपसी भरोसा भी एक बड़ी वजह है कि मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ...

हरियाणा में बेटों के मुकाबले बेटियों के कम होते अनुपात की वजह से पीएम मोदी ने अपने महत्वाकांक्षी अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शुरुआत भी हरियाणा से की।

हरियाणा के पहले गैर जाट सीएम हैं खट्टर...

खट्टर के रूप में हरियाणा को पहली बार गैर जाट मुख्यमंत्री मिला, 26 अक्टूबर 2014 को हरियाणा के सीएम पद की शपथ लेने वाले खट्टर पहले बीजेपी नेता बने।

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हालांकि खट्टर प्रशासन पर लॉ एंड ऑर्डर को लेकर कई दफे सवाल उठते रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद पंचकुला हिंसा की आंच खट्टर सरकार पर भी आई। इसी तरह गुर्जर आरक्षण के दौरान राज्य में हुई हिंसा और आगजनी की आंच भी खट्टर सरकार पर आई।

मनोहर लाल खट्टर पर एक नजर...

मनोहर लाल खट्टर (जन्म: 5 मई 1954) भारत के हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 26 अक्टूबर 2014 को उन्होने हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। वे हरियाणा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो गैर जाट समुदाय से आते हैं, 18 वर्ष बाद वे इस पद पर विराजमान होने वाले पहले गैर जाट नेता हैं।

वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुके हैं। हरियाणा विधान सभा में वे करनाल का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2014 के हरियाणा विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय के पश्चात् विधायक दल द्वारा उन्हें नेता चुना गया तथा मुख्यमंत्री पद हेतु नामित किया गया।

जिवन परिचय....

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मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई, 1954 में रोहतक के निदाना गांव में हुआ था। साधारण से किसान परिवार से आने वाले खट्टर पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। खट्टर का परिवार 1947 के भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकार रोहतक जिले के निदाना गांव में बस गया था।

खट्टर स्कूल की सभी गतिविधियों में काफी आगे थे। खट्टर डॉक्टर बनाना चाहते थे, पढ़ाई के इसी शौक के चलते खट्टर अपने परिवार में 10वीं पास करने वाले पहले सदस्य बने।

मनोहर लाल खट्टर दसवीं पास करने के बाद दिल्ली में सदर बाज़ार में दुकानदारी करने लगे। साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री किया।

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