तबलीगी जमात की कहानी, कुछ ऐसा है इसका इतिहास

लॉकडाउन के बाद भी देश में लगातार कोरोना संक्रमण के केस बढ़ते ही जा रहे हैं। दिल्ली में भी संक्रमण का आकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को तेलंगाना में कोरोना संक्रमण से 6 लोगों की मौत हो गई।

Update:2020-03-31 15:35 IST

नई दिल्ली : लॉकडाउन के बाद भी देश में लगातार कोरोना संक्रमण के केस बढ़ते ही जा रहे हैं। दिल्ली में भी संक्रमण का आकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को तेलंगाना में कोरोना संक्रमण से 6 लोगों की मौत हो गई। ऐसा कहा जा रहा है कि ये लोग दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज यानी सेंटर के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। ये देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग इस कार्यक्रम में आए थे।

ये भी पढ़ें...जमात मामला: मरकज का दावा- मांगा था कर्फ्यू का पास, नोटिस का भी दिया जवाब

धार्मिक कार्यक्रम में मलेशिया और इंडोनेशिया के लोग

कार्यक्रम तो निपट गया लेकिन अब केंद्र और राज्य सरकारें इन सभी लोगों को ढूंढकर उनकी जांच करने में जुटी हैं, क्योंकि इस धार्मिक कार्यक्रम में मलेशिया और इंडोनेशिया के भी कुछ लोग शामिल हुए थे।

बता दें कि दिल्ली में तबलीगी जमात मरकज से जुड़े 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके साथ 228 संदिग्ध मरीज भी दिल्ली के 2 अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। लेकिन इनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इसके चलते कोरोना संक्रमण के खतरे की संभावना बढ़ गई है, जिससे सरकार और आम लोग भी परेशान हैं।

क्या है ये तबलीगी जमात

तो बात ये है कि मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम धर्म कबूल किया था। लेकिन फिर भी वो लोग हिंदू परंपरा और रीति-रिवाज अपना रहे थे। भारत में अंग्रेजों की हुकूमत आने के बाद आर्य समाज ने उन्हें दोबारा से हिंदू बनाने का शुद्धिकरण अभियान शुरू किया था, जिसके चलते मौलाना इलियास कांधलवी ने इस्लाम की शिक्षा देने का काम शुरू किया।

जिसके लिए उन्होंने 1926-27 दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद में कुछ लोगों के साथ तबलीगी जमात का गठन किया। इसे मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार और इसकी जानकारी देने के लिए शुरू किया।

ये भी पढ़ें...मीडियाकर्मियों के लिए एक पहल, इस नेता ने किया बड़ा काम

तबलीगी जमात का मतलब

अब तबलीगी का मतलब होता है अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला। जमात का मतलब होता है समूह, तो मतलब अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला समूह।

मरकज का मतलब होता है मीटिंग के लिए जगह। तबलीगी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करते हैं। इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित है।

पहली जमात दिल्ली से सटे हरियाणा

बता दें कि इलियास कांधलवी ने पहली जमात दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात इलाके के नूह कस्बे लेकर गए थे। वहां मेवाती समुदाय को नमाज, कलमा सहित इस्लामिक शिक्षा सिखाने पर जोर दिया। मुस्लिम समुदाय लोगों को इस्लाम की मजहबी शिक्षा देने के लिए ले गए थे। तबलीगी जमात का काम आज दुनियाभर के लगभग 213 देशों तक फैल चुका है।

ये भी पढ़ें...मेडिकल जांच के बिना अब नही होगा बॉर्डर पार, लगा सख्त पहरा

जमात का उद्देश्य

तबलीगी जमात के मुख्य उद्देश्य 6 उसूल जैसे-कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग थे। और इन्हीं उद्देश्यों को लेकर तबलीगी जमात से जुड़े हुए लोग देश और दुनिया भर में लोगों के बीच जाते हैं और इस्लाम का प्रचार-प्रसार करते हैं। तबलीगी जमात में जाने वाला शख्स अपने पैसे खुद लगाता है।

ऐसे होता है तबलीगी जमात काम

तबलीगी जमात के मरकज से ही अलग-अलग हिस्सों के लिए तमाम जमातें निकलती हैं। इनमें कम से कम 3 दिन, 5 दिन, 10 दिन, 40 दिन और 4 महीने यानी 120 दिन की जमातें निकलती हैं।

तबलीगी जमात के एक जमात (समूह) में 8-10 लोग शामिल होते हैं। इनमें दो लोग सेवा के लिए होते हैं जो कि खाना बनाते हैं। जमात में शामिल लोग सुबह-शाम शहर में निकलते हैं और लोगों और दुकानदारों से नजदीकी मस्जिद में पहुंचने के लिए कहते हैं। सुबह 10 बजे ये हदीस पढ़ते हैं और नमाज पढ़ने और रोजा रखने पर इनका ज्यादा जोर होता है।

ये भी पढ़ें...अवध शिल्पग्राम में लोगों की जांच करते हुए डॉक्टर व पुलिसकर्मी, देखें तस्वीरें

तबलीगी जमात का पहला धार्मिक कार्यक्रम

जानकारी के लिए बता दें कि तबलीगी जमात का पहला धार्मिक कार्यक्रम भारत में 1941 में हुआ था, जिसमें 25,000 लोग शामिल हुए थे।

सन् 1940 के दशक तक जमात का कामकाज भारत तक ही सीमित था, लेकिन बाद में इसकी शाखाएं पाकिस्तान और बांग्लादेश तक फैल गईं। तबलीगी जमात हर साल देश में एक बड़ा कार्यक्रम करता है, जिसे इज्तेमा कहते हैं। इसमें दुनियाभर के लाखों मुसलमान शामिल होते हैं।

ये भी पढ़ें... अगर आपने इस डॉक्टर से कराया है इलाज, तो फौरन कराएं जांच, हो सकता है कोरोना

Tags:    

Similar News