Weather Alert: मूसलाधार बारिश से भारी तबाही, हालात तो बदतर होने हैं, अब भी चेत जाएं

Weather Alert: मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में उत्तर भारत के महत्वपूर्ण हिस्सों में और बारिश की भविष्यवाणी की है। खराब मौसम के चलते 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं

Update:2023-07-10 15:55 IST
Weather Aler (Image: Social Media)

Weather Alert: मूसलाधार बारिश ने पूरे उत्तर भारत में तबाही मचा दी है। कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है और कई राज्यों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ से जबर्दस्त नुकसान हुआ है। हालात इतने खराब हैं कि पंजाब में सेना को बचाव कार्य में लगाना पड़ा है।

सबसे बुरा हाल हिमाचल प्रदेश का है। ब्यास, सतलुज समेत राज्य की समस्त नदियां भीषण उफान पर हैं। कितने ही मकान, वाहन, पुल और सड़कें नदी में समा चुके हैं। हर तरफ बर्बादी का नज़ारा है। पिछले 36 घंटों में हिमाचल प्रदेश में चौदह बड़े भूस्खलन और 13 अचानक बाढ़ की सूचना मिली है, जबकि 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं। यही हाल उत्तराखंड का है जहां पहाड़ों में जगह जगह भूस्खलन से सड़कें खत्म हो चुकी हैं। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में बीते वीकेंड में सिर्फ एक दिन में एक महीने की बारिश देखी गई। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून से शुरू हुए वर्तमान मानसून सीज़न में, दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में औसत से क्रमशः 112 फीसदी, 100 फीसदी और 70 फीसदी से अधिक वर्षा हुई है।

गंभीरता को समझें

भारत के मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में उत्तर भारत के महत्वपूर्ण हिस्सों में और बारिश की भविष्यवाणी की है। ग्रीष्मकालीन मानसून, जो दक्षिण एशिया की वार्षिक वर्षा का 70-80 फीसदी प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है, अपने साथ बाढ़ और भूस्खलन भी लाता है। हालांकि ऐसी वर्षा के सटीक पैटर्न की भविष्यवाणी करना इसकी अनियमित प्रकृति के कारण चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन मानसून की ताकत और अप्रत्याशितता को बढ़ा रहा है। भारत भर में बाढ़ के कारण 2021 में कुल 656 मौतें हुईं, 2022 में लगभग 959 मौतें दर्ज कीं गईं। एक अनुमान के अनुसार, पिछले दशक में, देश भर में बाढ़ के कारण सबसे अधिक 965 मौतें 2010 में हुई थीं।

सब पर पड़ता है असर

ये सोचना भारी भूल है कि पहाड़ों की आफत वाली बरसात से मैदान वालों का क्या लेना देना। एक्सट्रीम मौसम का असर सब पर पड़ता है। यूपी, बिहार वाले जबर्दस्त गर्मी झेल चुके हैं,वर्तमान में भारी बारिश से व्यापक जलभराव भी झेल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ है। सब्जियों के दाम सभी को प्रभावित कर रहे हैं। हिमाचल से आने वाला टमाटर बर्बाद हो चुका है सो दाम अब पता नहीं कहाँ पहुंच जाएंगे। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, प्रकृति की बर्बादी को हल्के में लेने वाले अब चेत जाएं, सावधान हो जाएं।

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