अब ऐसे होगा टेस्ट: मिनटों में पता चलेगा संक्रमण, WHO ने किया दावा
कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) का मानना है कि कोविड-19 वायरस की पहचान के लिए एक नई टेस्टिंग किट सामने आई है। ये टेस्टिंग किट काफी ज्यादा प्रभावशाली साबित हो सकती है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) का मानना है कि कोविड-19 वायरस की पहचान के लिए एक नई टेस्टिंग किट सामने आई है। ये टेस्टिंग किट काफी ज्यादा प्रभावशाली साबित हो सकती है। ऐसे में संगठन के अनुसार, इस टेस्टिंग किट से ग़रीब और साधारण आय वाले देशों में संक्रमण का पता लगाने की क्षमता बहुत तेज़ी से बढ़ सकती है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) का मानना है कि तीसरी दुनिया के देशों में टेस्टिंग कम होने और उसके रिजल्ट आने में हो रही देरी से संक्रमण को तेजी से फैलने में मदद मिल रही है।
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12 करोड़ टेस्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के अनुसार, इस टेस्ट का ख़र्च सिर्फ 5 डॉलर या लगभग साढ़े तीन सौ रूपए है और इससे ऐसे देशों को फ़ायदा हो सकता है जहां स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है और प्रयोगशालाएं भी ज्यादा संख्या में नहीं हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के मुताबिक, इस टेस्ट को विकसित करने वाली कंपनी के साथ जो करार हुआ है उसके हिसाब से कंपनी 6 महीने के अंदर 12 करोड़ टेस्ट करवा पाएगी। जोकि एक बहुत बड़ी सफलता है।
ऐसे में अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के हिसाब से इनमें से आधे से ज़्यादा मौतें केवल अमरीका, ब्राज़ील, भारत और मेक्सिको में हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेश ने इसे दिमाग़ को सुन्न करने वाला बताया है।
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सिर्फ़ 15 से 20 मिनट का समय लेता
लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस टेस्ट को मील का पत्थर बताया है। इसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेडरोस का कहना है कि यह नया, आसानी से ले आ-ले जा सकने वाला और इस्तेमाल में आसान टेस्ट घंटों के बजाय कुछ मिनटों में ही नतीजा दे देता है। यह नतीजा देने में सिर्फ़ 15 से 20 मिनट का समय लेता है।
साथ ही दवाई निर्माता कंपनी ऐबोट एंड एसडी बायोसेनर ने बिल और मेलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन के साथ मिलकर 12 करोड़ टेस्ट्स तैयार करने पर रजामंदी दी है। वहीं इस समझौते का दुनिया के लगभग 133 देशों को फायदा होगा, जिसमें लैटिन अमरीका के भी कई देश शामिल हैं जहां इस महामारी से बुरी तरह हालात खराब हैं।
डॉ टेडरोस ने कहा, परीक्षण के लिहाज़ से और ख़ासतौर पर उन इलाक़ों में जो बुरी तरह प्रभावित हैं, यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा, इस टेस्ट से ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में लोगों की जांच हो सकेगी। यह उन इलाक़ों और देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा जहां परीक्षण करने के लिए प्रयोगशालाओं समेत प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है।
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