कोरोनावायरस हमारी नाज़ुक अर्थव्यवस्था पर एक कड़ा प्रहार है: राहुल गांधी
दुनिया के साथ ही भारत में भी कोरोना वायरस से खौफ का माहौल है। इस वायरस की मार देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रही है। इससे निपटने के लिए भारत सरकार की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली: दुनिया के साथ ही भारत में भी कोरोना वायरस से खौफ का माहौल है। इस वायरस की मार देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रही है। इससे निपटने के लिए भारत सरकार की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, तो वहीं अब अब मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने सरकार से एक बड़े आर्थिक पैकेज की मांग की है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना वायरस हमारी नाज़ुक अर्थव्यवस्था पर एक कड़ा प्रहार है। छोटे, मध्यम कारोबारी और दिहाड़ी मजदूर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ताली बजाने से उन्हें मदद नहीं मिलेगी। आज नकद मदद, टैक्स ब्रेक और कर्ज अदायगी पर रोक जैसे एक बड़े आर्थिक पैकेज की जरुरत है। तुरंत कदम उठाएं।
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दरअसल पीएम मोदी ने 22 मार्च यानी रविवार को जनता कर्फ्यू की घोषण की है। इसके साथ ही उन्होंने जनता कर्फ्यू के दौरान एक खास अपील भी की है। उन्होंने कहा कि रविवार को शाम 5 बजे लोग अपने घर के दरवाजे या खिड़कियों से सेवा करने वालों को धन्यवाद करें-ताली बजा कर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर।
राहुल गांधी ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस प्रभावित क्षेत्रों के लिए आर्थिक पैकेज देने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज जितनी जल्दी संभव हो सकेगा उतनी जल्दी की जायेगी।
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इसी के मद्देनजर बीते शुक्रवार को निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए नागर विमानन, पशुपालन, पर्यटन, एमएसएमई मंत्रालयों के मंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक की। हालांकि, निर्मला सीतारमण ने पैकेज की घोषणा के बारे में कोई समयसीमा नहीं बताई है।
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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए इकोनॉमिक टास्क फोर्स के गठन की बात कही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में यह टास्क फोर्स एनपीए नियमों में ढील, कंपनियों के टैक्स भुगतान में समय देने जैसे कई बड़े कदम उठा सकता है, साथ ही असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की आय होती रहे इसके लिए कोई घोषणा की जा सकती है।