कांग्रेस का बड़ा बयान: PM मोदी पर लगाया ये आरोप, कहा- उनकी वजह से हो रहा ऐसा

राजभवन द्वारा उठाए गए सवालों के कांग्रेस सरकार ने जवाब दे दिया है। इसी के साथ कांग्रेस सरकार ने 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग भी की है।

Update: 2020-07-26 09:39 GMT
Abhishek Manu Singhvi

नई दिल्ली: राजस्थान की सियासत में बीते कुछ दिनों से सत्ता संग्राम जारी है। वहीं इस बीच कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्यपाल द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब भेज दिए गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को कहा कि राजभवन द्वारा उठाए गए सवालों के कांग्रेस सरकार ने जवाब दे दिया है। इसी के साथ कांग्रेस सरकार ने 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग भी की है।

यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राज्यपाल ने विधायकों की देखभाल, स्वस्थ और आवागमन की बात कही है। ये अच्छी बात है। लेकिन यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। लेकिन क्या राज्यपाल सत्र शुरू करने की तारीख न देने के लिए ये प्रश्न उठा सकते हैं? ये सभी मुद्दे विधानसभा अध्यक्ष और सरकार का अधिकार क्षेत्र है।



यह भी पढ़ें: मचा हाहाकार: अब चिकित्सक की कोरोना से मौत, मरने वालों का आंकड़ा इतना

इन राज्यों में चल रही हैं विधान सभाएं

उन्होंने कहा कि सवाल ये भी उठाए गए कि कोरोना संकट में किन राज्यों की विधानसभा चल रही हैं या जहां सत्र बुलाए गए हैं। इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यपाल कलराज मिश्र की अनभिज्ञता की ओर इशारा करते हुए कहा कि देश में पुडुचेरी, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यो में विधान सभाएं चल रही हैं। इन राज्यों में कामकाज शुरू करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाया गया है।

यह भी पढ़ें: ISIS आतंकी साजिश: ऐसे भारत में फैला रहे आतंक, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

केंद्र सरकार के आदेश और निर्देश पर ही ये सब हो रहा

राज्यपाल द्वारा सवाल उठाए जाने पर आ ऐतराज जताते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि सभी सवाल केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय अथॉरिटी की ओर से आ रहे हैं। केंद्र सरकार के आदेश और निर्देश पर ही ये सब हो रहा है। राजभवन की तरफ से 'मास्टर' के बयान हूबहू पढ़े जा रहे हैं। इस खेल में मास्टर कौन है, हम सब जानते हैं। मगर राज्यपाल के पद और गरिमा पर जो आघात हुआ है, उसे हम भूल नहीं सकते।



यह भी पढ़ें: बेकार हुई पेंशन योजना: नहीं किसी को इसमें दिलचस्पी, 318 दिन में सिर्फ इतने रजिस्ट्रेशन

प्रधानमंत्री ने पूरे मामले में मौन व्रत साध रखा है

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे मामले में मौन व्रत साध रखा है। क्या प्रधानमंत्री अपना मौन व्रत तोड़कर राज्यपाल को राजधर्म निभाने के लिए नहीं पूछना चाहते? या उनकी मुखरता सिर्फ जुमलों के लिए है? वो इसमें शामिल हैं, इसलिए ये हो रहा है।



यह भी पढ़ें: बेकाबू हुए प्रदर्शनकारी: जमकर की तोड़फोड़, गोली लगने से घायल हुआ व्यक्ति

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें

Tags:    

Similar News