सुशांत मामले में छिड़ा सियासी घमासान, मुंबई पुलिस और बीएमसी पर उठे सवाल
मुंबई पुलिस का कहना है कि इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है और पूरी गंभीरता के साथ सुशांत मामले की जांच की जा रही है। इस बीच इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग भी तेज हो गई है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में मुंबई पुलिस और बीएमसी के रवैये पर सियासी घमासान छिड़ गया है। सुशांत मामले की जांच के लिए मुंबई पहुंचे पटना के एसपी विनय तिवारी को जबरन क्वारंटाइन किए जाने के बाद मुंबई पुलिस और बीएमसी पर चौतरफा हमले शुरू हो गए हैं। मुंबई पुलिस का कहना है कि इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है और पूरी गंभीरता के साथ सुशांत मामले की जांच की जा रही है। इस बीच इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग भी तेज हो गई है। सोमवार को यह मामला बिहार विधानसभा की एक दिवसीय बैठक में भी गूंजा।
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सीएम ठाकरे मामले में हस्तक्षेप करें
महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में शामिल कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने बड़ा हमला करते हुए कहा कि बीएमसी और मुंबई पुलिस पगला गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि मामले की जांच करने आए आईपीएस अफसर विनय तिवारी को 15 अगस्त तक जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया है तो फिर इस मामले की जांच कैसे होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और विनय तिवारी को क्वारंटाइन से बाहर निकालने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें जांच करने से रोका गया तो मुंबई पुलिस पर शक और बढ़ेगा।
नीतीश कुमार ने भी कदम को गलत बताया
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी कहना है विनय तिवारी के साथ बीएमसी की ओर से जो कुछ किया गया, वह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह समझना जरूरी है कि यह राजनीतिक मामला नहीं है और बिहार पुलिस अपनी ड्यूटी निभा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार के डीजीपी इस मामले में वहां के अधिकारियों से बात कर रहे हैं।
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मुंबई पुलिस पर इसलिए पैदा हुआ शक
बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने मुंबई पुलिस के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि जब बिहार पुलिस के चार अन्य अधिकारी फ्लाइट से मुंबई गए थे तो उन्हें क्यों नहीं क्वारंटाइन किया गया। उन्होंने कहा कि जब हमारे चार और अफसर फ्लाइट से मुंबई गए तो उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया गया मगर जब हमने जांच में तेजी लाने के लिए एक आईपीएस अधिकारी को भेजा तो उन्हें जान से रोकने के लिए जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया। मुंबई पुलिस का यह कदम शक पैदा करने वाला है।
भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर हमला
उन्होंने कहा कि आईपीएस विनय तिवारी के फ्लाइट से मुंबई जाने की जानकारी पहले ही मुंबई पुलिस को दे दी गई थी। हमने उनके रहने और उन्हें जांच में मदद करने का भी अनुरोध किया गया था। एयरपोर्ट पर उनके साथ कुछ नहीं हुआ मगर जब देर रात उन्होंने जांच शुरू की तो बीएमसी की ओर से उन्हें जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस मामले में निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और बिहार पुलिस को जांच करने की अनुमति देनी चाहिए। जांच में इस तरीके की रुकावटें पैदा करना भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर हमले के समान है।
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लोगों के लिए सुरक्षित नहीं रह गई मुंबई
सुशांत मामले में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस जिस तरह सुशांत मामले की जांच कर रही है उससे साफ तौर पर पता चलता है कि मुंबई अब सुरक्षित नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से सुशांत की मौत के मामले को मुंबई पुलिस ने हैंडल किया है, उसे देखकर लगता है कि मुंबई ने अपनी इंसानियत खो दी है। उन्होंने कहा कि मुंबई अब मासूम और स्वाभिमानी लोगों के लिए सुरक्षित नहीं रह गई है।
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फडणवीस की मांग को गृह मंत्री ने ठुकराया
अमृता से पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस मामले को ईडी और सीबीआई को सौंपने की मांग कर चुके हैं। उनका कहना है कि सीबीआई ही इस मामले की निष्पक्ष जांच कर सकती है। उधर, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को एक बार फिर कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस सही ढंग से जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में इस मामले की सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है। देशमुख पहले भी दो बार इस मामले की सीबीआई जांच से इनकार कर चुके हैं।
बिहार विधानसभा में उठी सीबीआई जांच की मांग
बिहार विधानसभा के सोमवार को एक दिवसीय सत्र के दौरान सुशांत मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने यह मामला उठाते हुए कहा कि बिहार सरकार को जल्द से जल्द ही इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। भाजपा सदस्य नीरज कुमार सिंह बबलू ने भी मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की। कांग्रेस और जदयू सदस्यों ने भी इस मांग का समर्थन किया।
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