बिहार में भूचाल: महागठबंधन में रार, कुशवाहा ले सकते हैं ये बड़ा फैसला

बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही महागठबंधन में महाभारत छिड़ गई है। कुशवाहा ने खुद महागठबंधन छोड़ने का संकेत दे दिया है। 

Update:2020-09-23 19:06 IST
बिहार में भूचाल: महागठबंधन में रार, कुशवाहा ले सकते हैं ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही महागठबंधन में महाभारत छिड़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के महागठबंधन छोड़कर एनडीए का दामन थामने के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अगुवाई वाली पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोसपा) भी राजद और कांग्रेस के रवैये से नाराज हो गई है।

कुशवाहा ने खुद महागठबंधन छोड़ने का संकेत दे दिया है। माना जा रहा है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फार्मूले को लेकर हो रही देरी से विभिन्न दलों की नाराजगी बढ़ रही है।

राजद सभी मुद्दों पर साफ चर्चा करें

रालोसपा के महासचिव आनंद माधव का कहना है कि किसी भी गठबंधन को चलाने के लिए स्पष्ट रुख होना जरूरी है ताकि उसमें शामिल दलों के मन में किसी प्रकार का कोई भ्रम न पैदा हो। इसलिए राजद को आगे आकर महागठबंधन में शामिल दलों के साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।

कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर कोई बात नहीं

अगर महागठबंधन का कोई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जाना है तो इस काम को एक-दो दिन में नहीं किया जा सकता। डबिहार में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना चुनाव आयोग की ओर से किसी भी दिन जारी की जा सकती है मगर हैरानी की बात है कि अभी तक महागठबंधन में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के मुद्दे पर कोई बातचीत तक नहीं हुई है।

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RLSP किसी भी फैसले के लिए स्वतंत्र- आनंद माधव (फोटो- सोशल मीडिया)

रालोसपा किसी भी फैसले के लिए स्वतंत्र

रालोसपा महासचिव माधव ने कहा कि राजनीति संभावनाओं से भरी होती है और अगर महागठबंधन मौजूदा निर्णय की स्थिति से बाहर नहीं आता है तो बिहार के विकास के लिए हम भी अपने भविष्य के बारे में कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। माधव के इस बयान से समझा जा सकता है कि महागठबंधन के भीतर सबकुछ सही नहीं चल रहा है और सीटों को लेकर दलों के बीच खींचतान मची हुई है।

कल की बैठक में होगा बड़ा फैसला

रालोसपा नेता ने कहा कि हमारी पार्टी ने कभी भी राजद नेता तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर संदेह नहीं किया, लेकिन महागठबंधन में चार-पांच दल शामिल हैं और इन सबके बीच सहमति के साथ ही कोई फैसला किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास करने के बावजूद महागठबंधन में इस तरह का माहौल काफी दुखद है।

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उन्होंने कहा कि कल पार्टी की राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है और उस बैठक में मौजूदा स्थिति पर पार्टी नेताओं के साथ चर्चा करके अंतिम फैसला लिया जाएगा। हम अपनी पार्टी के बारे में कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

एनडीए में हो सकती है कुशवाहा की वापसी (फोटो- सोशल मीडिया)

कुशवाहा की हो सकती है एनडीए में वापसी

माधव के इस बयान के बाद सूबे की सियासत गरमाई हुई है और इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए में घर वापसी हो सकती है। हालांकि पार्टी के एक पदाधिकारी का कहना है कि अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

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सीटों के बंटवारे पर बातचीत अटकी

जानकारों का कहना है कि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, रालोसपा और मुकेश साहनी की वीआईपी के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत अटकी हुई है। जानकारों के मुताबिक राजद और कांग्रेस दोनों दल चाहते हैं कि कुशवाहा और मुकेश साहनी की पार्टी के उम्मीदवार राजद या कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतरें ताकि चुनाव बाद इन पार्टियों के विधायक पाला न बदल सकें। दूसरी ओर ये पार्टियां इस बात के लिए राजी नहीं है।

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एनडीए छोड़ने पर रालोसपा को झटका

रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को अहंकारी बताते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के साथ ही महागठबंधन से हाथ मिला लिया था।

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान और रालोसपा एनडीए का हिस्सा थी और उसने पार्टी को मिली तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में शामिल होने के बाद रालोसपा को एक भी सीट पर विजय नहीं हासिल हुई थी।

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कुशवाहा को एनडीए में शामिल होने का न्योता

इस बीच भाजपा एमएलसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने से एनडीए का वोट बैंक और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि कुशवाहा को सही फैसला लेते हुए एनडीए में वापसी कर लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कुशवाहा को सीटों के बारे में निश्चिंत रहना चाहिए क्योंकि एनडीए में आने के बाद सीटों के बंटवारे को लेकर भी कोई समस्या नहीं पैदा होगी।

अंशुमान तिवारी

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