भावुक हुए CM योगी आदित्यनाथ, फंसे मजदूरों से करी ये अपील
सीएम योगी ने अन्य राज्यों में स्थित यूपी के प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों से घर वापस आने के लिए पैदल यात्रा न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अपने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रदेश सरकार सम्बन्धित राज्य सरकारों से सम्पर्क में है।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य राज्यों में स्थित उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों से घर वापस आने के लिए पैदल यात्रा न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अपने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रदेश सरकार सम्बन्धित राज्य सरकारों से सम्पर्क में है। प्रदेश सरकार ने सम्बन्धित राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों के नाम, पते, टेलीफोन नम्बर तथा स्वास्थ्य परीक्षण की स्थिति सहित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, ताकि उनकी सुरक्षित वापसी की कार्य योजना को आगे बढ़ाया जा सके।
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प्रवासी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक दिल्ली से लगभग 04 लाख प्रवासी श्रमिक एवं कामगार, हरियाणा से 12 हजार श्रमिक, कोटा राजस्थान से साढे़ ग्यारह हजार छात्रों की प्रदेश में सुरक्षित वापसी हो चुकी है।
इसी प्रकार प्रयागराज में अध्ययनरत 15 हजार से अधिक प्रतियोगी छात्रों को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सुरक्षित उनके घर भेजा गया है। उन्होंने निर्देश दिये कि इसी प्रकार अन्य राज्यों से प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को वापस लाने के लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश वापसी से पूर्व, प्रवासी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाए।
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शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन तैयार
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रदेश के बाॅर्डर को पूरी तरह सील किया जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि नेपाल राष्ट्र सहित अन्य राज्यों से बगैर अनुमति कोई प्रदेश में आने न पाये।
उन्होंने कहा कि 10 लाख लोगों के लिए तत्काल क्वारंटीन सेन्टर और शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन तैयार किये जाएं, जहां आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके।
क्वारंटीन और शेल्टर होम स्थापना के लिए बड़े काॅलेजों का उपयोग किया जाए। इनमें कम्युनिटी किचन, शौचालय व सुरक्षा सहित सभी जरूरी सुविधाएं अवश्य उपलब्ध रहनी चाहिए।
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महिला स्वयंसेवी समूहों को जोड़ा जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारंटीन किये गये लोगों की निगरानी के लिए निगरानी समितियां गठित की जाएं। इन समितियों में युवक मंगल दल, नेहरू युवा केन्द्र, एनएसएस, एनसीसी आदि का सहयोग लिया जाए। भोजन तैयार करने में भी महिला स्वयंसेवी समूहों को जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर एवं शेल्टर होम से प्रवासी श्रमिकों को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरान्त घर भेजा जाए। घर भेजते समय सभी श्रमिकों को राशन की किट उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि नोएडा के साथ दिल्ली से भी उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए वहां की सरकार से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने कहा कि नोएडा, गाजियाबाद तथा अलीगढ़ से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वापस जाने वाले छात्रों की सूची तैयार करायी जाए।
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सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
इन छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराते हुए उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की जाए। इन जनपदों मंे अध्ययनरत अन्य राज्यों के छात्रों की सूची तैयार करते हुए इन्हें इनके गृह राज्य वापस भेजने के लिए सम्बन्धित प्रदेश सरकार से सम्पर्क किया जाए। इस कार्यवाही को सम्पन्न करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅजिस्टिक्स की दैनिक समीक्षा की जाए। भारत सरकार के मानकों के अनुरूप पीपीई किट, एन-95 मास्क सहित विभिन्न सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अतिरिक्त वेंटिलेटर्स की तात्कालिक आवश्यकता होने पर पोर्टेबल वेंटिलेटर्स मंगाए जाएं। सभी जनपदों में इन्फ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच की जा सके।
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शोध संस्थानों की टेस्टिंग क्षमता
एल-2 अस्पताल में प्रत्येक बेड पर आॅक्सीजन तथा एल-3 चिकित्सालय में प्रत्येक बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का उपचार करने में सक्षम निजी चिकित्सालयों को उपचार की अनुमति दी जाए।
यदि कोई रोगी ऐसे अस्पतालों में अपना इलाज कराना चाहता है तो उसके लिखित अनुरोध पर प्राइवेट एवं काॅरपोरेट चिकित्सालय में इलाज की स्वीकृति प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग के लिए प्रदेश में उपलब्ध समस्त संसाधनों का उपयोग किया जाए। इसके दृष्टिगत पं0 दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ-अनुसंधान संस्थान, मथुरा तथा लखनऊ स्थित केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) तथा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी0) जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थानों की टेस्टिंग क्षमता का उपयोग करने पर विचार किया जाए।
उन्होंने कहा कि जनपद सहारनपुर में एक लैब क्रियाशील की जानी चाहिए। प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर टेस्टिंग लैब स्थापित होनी चाहिए। प्रयास यह होना चाहिए कि आगामी एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश टेस्टिंग क्षमता की दृष्टि से देश का नम्बर वन राज्य बन जाए।
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