हिंदू नेता हत्या केस: 25 को राम मंदिर का ऐलान, आज रेता गया गला
तिवारी को अपनी मौत का संभवत: अहसास था और इसीलिए उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर लिखा था, 'अजर हूं। अमर हूं, क्योंकि मैं सनातन हूं।'
लखनऊ: आज शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बदमाशों ने दिनदहाड़े हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या कर दी। बता दें कि विवादों से कमलेश तिवारी का पुराना नाता था। अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने को लेकर उन्होंने अभियान चलाया हुआ था। इन दिनों वे योगी सरकार से नाराज भी चल रहे थे।
हो गया था अपनी मौत का एहसास, ट्विटर प्रोफाइल पर लिखा था, 'अजर हूं। अमर हूं,
उन्होंने कई बार ट्वीट करके अयोध्या और मुसलमानों को लेकर बीजेपी सरकार को अपने निशाने परा लिया था। तिवारी को अपनी मौत का संभवत: अहसास था और इसीलिए उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर लिखा था, 'अजर हूं। अमर हूं, क्योंकि मैं सनातन हूं।'
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कमलेश तिवारी ने पिछले मंगलवार को पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं की हत्या को लेकर लखनऊ के अटल चौराहे पर प्रदर्शन किया था। साथ ही सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी निशाना साधा था। कमलेश तिवारी ने आरोप लगाया था कि देश में बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकताओं की मौत पर भी चुप्पी साधे हुए है।
उन्होंने मांग की थी कि पश्चिम बंगाल की सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि पश्चिम बंगाल में पुलिस हिन्दुओं को मार रही है और मोदी सरकार में हमारे इससे अच्छे दिन नहीं आ सकते।
पैतृक जमीन पर नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था
उन्होंने सीतापुर में अपनी पैतृक जमीन पर नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था। राम जन्मभूमि मामले में कमलेश तिवारी सुप्रीम कोर्ट में कुछ दिनों तक हिन्दू महासभा की तरफ से पक्षकार भी रहे थे। एक पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी को लेकर कमलेश तिवारी विवादों में आए थे और उन्हें अरेस्ट कर लिया गया था। उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया था।
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मुस्लिम संगठन ने उनक सिर कलम करने का फ़तवा किया था जारी
कमलेश तिवारी की कट्टर हिंदूवादी विचारधारा से परेशान मुस्लिम संगठन ने उनक सिर कलम करने का फ़तवा भी जारी किया था। बिजनौर के उलेमा अनवारुल हक़ और मुफ़्ती नईम क़ासमी पर कमलेश तिवारी का सिर कलम करने का फतवा जारी करने का आरोप लगा था। कमलेश तिवारी खुद को शिवसेना का प्रदेश अध्यक्ष बताते थे। बाद में शिवसेना ने आपत्ति जताई तो चुनाव से पहले उन्होंने हिंदू समाज पार्टी का गठन किया था।
हत्यारों ने कमलेश के साथ मिठाई खाई और चाय भी पी
बता दें कि कमलेश तिवारी का उनके ऑफिस में गला रेतकर हत्या कर दी गई। गला रेतने के बाद उन्हें गोली भी मारी गई। बताया जा रहा है कि बदमाशों ने कमलेश से उनके ऑफिस में मुलाकात की और उनके साथ चाय भी पी। इसके बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। यह घटना लखनऊ के नाका इलाके की है। बदमाशों ने उनके शरीर पर 15 से अधिक हमले किए हैं।
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एसटीएफ ने तिवारी की हत्या के आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है
जानकारी के अनुसार, कमलेश तिवारी से नाका के खुर्शीद बाग स्थित ऑफिस में दो लोग मिलने आए थे। ये दोनों मिठाई का डिब्बा लिए हुए थे जिसमें चाकू और असहलहा था। बताया जा रहा है कि दोनों ने कमलेश तिवारी से मुलाकात की। बातचीत के दौरान दोनों बदमाशों ने कमलेश के साथ चाय भी पी। इसके बाद उनका गला रेता गया और फिर गोली मारकर बदमाश फरार हो गए।
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बदमाशों ने कमलेश तिवारी कॉल भी किया था
कमलेश को आनन-फानन में ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बदमाशों ने कमलेश तिवारी से मिलने से पहले उन्हें कॉल भी की थी।
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अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों अपराधी कमलेश के परिचित थे या नहीं। फिलहाल पुलिस उस नंबर को ट्रेस कर रही है जिससे कॉल आई थी। इसके अलावा पुलिस कमलेश के साथ रहने वाले एक लड़के से भी पूछताछ कर रही है।
अयोध्या मामले में कारसेवा का एलान करने पर हो चुके हैं गिरफ्तार
6 दिसंबर 2018 को अयोध्या में कारसेवा का एलान करने वाले हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी को गिरफ्तार भी किया गया था।
मालूम हो कि 25 नवंबर साल 2108 को अयोध्या में विहिप के नेतृत्व में हुई धर्मसभा के बाद से ही राम मंदिर का मुद्दा चर्चा के केंद्र में थी। ऐसे में प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना थी और किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहती थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे की सुनवाई जनवरी में करने की बात कही थी। जिसके बाद से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व अन्य हिंदूवादी संगठनों ने राममंदिर निर्माण के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था।