खुशखबरी: बन गयी कोरोना वायरस वैक्सीन, सामने आये अच्छे नतीजे
अमेरिका में कोरोना की वैक्सीन बनकर तैयार हो गयी है।अमेरिकन वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को मजबूती से रोकने में उनकी वैक्सीन क्षमतावान है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए दुनिया भर के ज्यादातर वैज्ञानिकों का मानना है कि एक मात्र उपाय वैक्सीन है। ऐसे में कई देश कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बना रहे हैं और उसका निरीक्षण कर रहे हैं। इसी कड़ी में बड़ी खबर है कि अमेरिका में कोरोना की वैक्सीन बनकर तैयार हो गयी है।अमेरिकन वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को मजबूती से रोकने में उनकी वैक्सीन क्षमतावान है।
अमेरीका के वैज्ञानिकों ने बना ली कोरोना की वैक्सीन
दरअसल, दुनियाभर के वैज्ञानिक इस महामारी की दवा खोज रहे हैं, लेकिन अमेरिका दावा कर रहा है कि उसने इस बिमारी से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला वैक्सीन बना लिया है।
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बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन को अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने डेवलेप किया है। वहां के वैज्ञानिकों ने बताया कि वे बाकी देशों की तुलना में सबसे पहले कोविड-19 कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित कर चुके हैं।
इस आधार पर वैक्सीन हुआ विकसित:
वैज्ञानिकों की माने तो उनकी वैक्सीन सार्स (SARS) और मर्स (MERS) के कोरोना वायरस को आधार बना कर तैयार की गयी है। कहा जा रहा है कि ये दोनों सार्स और मर्स के वायरस नए वाले कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से बहुत हद तक मिलते हैं। सार्स- मर्स और कोविड-19 के स्पाइस प्रोटीन को खत्म करना बहुत जरुरी है, जिसकी वजह से ही रोगी वायरस से बच सकता है।
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वायरस को कैसे मारना है, वैज्ञानिक ने पता लगायाः
इस बारे में पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि हमने ये पता लगा दिया है कि वायरस को कैसे मारना है। वायरस को खत्म करने के लिए हमने अपनी वैक्सीन को चूहे पर टेस्ट करते देखा। इसके परिणाम बेहद पॉजिटिव थे। जल्द ही इस वैक्सीन का निरीक्षण इंसानों पर किया जाएगा।
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वैक्सीन का नाम पिटगोवैक
प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि इस वैक्सीन का नाम पिटगोवैक (PittGoVacc) रखा गया है। इस वैक्सीन ने चूहे के शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज पैदा किये, जो कोरोना वायरस को रोकने में कारगर हैं।
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वैक्सीन का चूहे पर टेस्ट
वैज्ञानिक के मुताबिक, कोरोना को रोकने के लिए जितनी एंटीबॉडीज की जरूरत शरीर हो होती है, उतनी पिटगोवैक वैक्सीन पूरी कर रहा है। इस वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल भी जल्द शुरू होने की संभावना है। यह वैक्सीन इंजेक्शन जैसी नहीं है। यह एक चौकोर पैच जैसी है, जो शरीर के किसी भी स्थान पर चिपका दी जाती है।
वैक्सीन का आकार पैच जैसा
इस पैच का आकार उंगली के टिप जैसा है। इस पैच में 400 से ज्यादा छोटी-छोटी सुइयां है जो शक्कर से बनाई गई हैं। इसी पैच के जरिए उसमें मौजूद दवा को शरीर के अंदर पहुंचाया जाता है। वैसे अभी तक इस वैक्सीन को लेकर ये नहीं बताया गया कि इसका असर कितनी देर तक रहेगा।
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में कोरोना की चपेट में आयने से अब तक 47 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 10 लाख लोग वायरस से संक्रमित हैं।
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