डोनाल्ड ट्रंप ने किया बड़ा दावा, जनरल सुलेमानी भारत के...
अमेरिकी एयरस्ट्राइक में सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच एक बार फिर जंग की शुरू हो गई है। अमेरिका ने ताकतवर ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया है। अब ईरान ने भी अमेरिका को चेतावनी दी है।
नई दिल्ली: अमेरिकी एयरस्ट्राइक में सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच एक बार फिर जंग की शुरू हो गई है। अमेरिका ने ताकतवर ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया है। अब ईरान ने भी अमेरिका को चेतावनी दी है कि वो जनरल सुलेमानी की मौत का बदला जरूर लेगा।
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान के साथ युद्ध को समाप्त करने के लिए सुलेमानी का खात्मा किया गया है। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि सुलेमानी भारत के खिलाफ आतंकी हमले की साजिश में शामिल था।
गौरतलब है कि जनरल सुलेमानी 1998 से ही ईरान के कुद्स फोर्स का नेतृत्व कर रहे था। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) की यह खास यूनिट विदेशों में गुप्त अभियान चलाती है और यह सीधे ईरान के सर्वोच्च नेता खोमैनी को रिपोर्ट करती है।
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मंगलवार रात को बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिय था जिसके बाद वाशिंगटन और तेहरान के बीच बढ़े तनाव के बाद गुरुवार रात सुलेमानी को मार दिया गया।
ईरान के सर्वोच्च नेता खोमैनी ने कहा कि धरती के सबसे क्रूर लोगों ने सम्मानीय' कमांडर की हत्या की, जिन्होंने दुनिया की बुराइयों और डकैतों के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ाई लड़ी।
खोमैनी ने कहा कि उनके निधन से उनका मिशन नहीं रुकेगा, लेकिन जिन अपराधियों ने जनरल सुलेमानी और अन्य शहीदों के खून से अपने हाथ रंगे हैं, उन्हें जरूर एक जबरदस्त बदले का अंजाम भुगतने का इंतजार करना चाहिए। खोमैनी ने कहा कि जारी लड़ाई और अंतिम जीत की उपलब्धि हत्यारों और अपराधियों की जिंदगी को और दुश्वार बना देगी।
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ट्रंप ने कहा कि सुलेमानी ने निर्दोष लोगों की मौत को अपना बीमार जुनून बना लिया था और उसने नई दिल्ली और लंदन में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया था। ट्रंप ने अपने बयान में उस कदम का बचाव करते हुए दिखाई दिए जिसके तहत बगदाद में सुलेमानी समेत ईरान के शीर्ष 7 सैन्य अधिकारी मार दिए गए थे। ट्रंप ने कहा कि आज हम सुलेमानी के अत्याचार से पीड़ित लोगों को याद करते हैं और दिलासा देते हैं कि उसके आतंक का राज अब खत्म हो गया है।
हालांकि ट्रंप ने भारत में सुलेमानी के हमले के बारे में कुछ साफ नहीं, लेकिन संभावना है कि उन्होंने नई दिल्ली में 2012 की उस घटना के बारे में कहा है जिसमें एक इजरायली डिप्लोमैट की पत्नी को निशाना बनाया गया था। उस हमले में तेल येहूशुआ नाम की महिला जख्मी हुई थी जिसका ऑपरेशन कर उसके शरीर से छर्रे निकाले गए थे।
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इस हमले में महिला के साथ गाड़ी का ड्राइवर भी जख्मी हुआ था जो गाड़ी चला रहा था। दिल्ली की यह घटना 13 फरवरी 2012 की है जिसमें कार में एक चुंबक के सहारे बम पहले ही फिट कर दिया गया था।
जानिए क्या है पूरा मामला
दिल्ली में हमले की वह घटना अब तक नहीं सुलझ पाई और न ही भारत ने कभी उसके पीछे ईरान का हाथ बताया। उस समय की मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि तेहरान में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मुस्तफा अहमदी रोशन की हत्या के लिए जवाबी कार्रवाई में ईरान की ओर से हमला किया गया था।
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एक भारतीय पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी को उस साल 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और उन पर हमले को अंजाम देने और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था। उन्हें अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत पर रिहा कर दिया था कि वे विदेश नहीं जा सकते।
उस वक्त की समाचार रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि पत्रकार ने कार पर हमले के लिए टोह लेने में मदद की थी. जिन 5 लोगों ने इजरायली डिप्लोमैट की कार पर हमला किया था वे इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के सदस्य थे। उनकी पहचान होने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था।