भारत-चीन में तनाव बढ़ने पर ट्रंप का भरोसा नहीं, अमेरिका के पूर्व NSA का बड़ा बयान

अमेरिका में नवंबर में होने वाले चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए मुसीबत बने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने भारत-चीन विवाद...

Update:2020-07-11 22:08 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: अमेरिका में नवंबर में होने वाले चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए मुसीबत बने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने भारत-चीन विवाद के संबंध में एक अहम बयान दिया है। उनका कहना है कि अगर भारत और चीन के बीच तनाव में और बढ़ोतरी होती है तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत का साथ देने की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि ऐसे हालात में ट्रंप क्या कदम उठाएंगे। ट्रंप की जानकारी पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप को इस बारे में ज्यादा जानकारी भी नहीं होगी।

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भारत के साथ नहीं खड़े होंगे ट्रंप

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि मुझे नहीं पता कि ट्रंप सीमा संबंधी विवाद के महत्व को कितना समझते हैं। भारत और चीन के बीच में दशकों से सीमा संबंधी विवाद चल रहा है और मुझे नहीं लगता कि ट्रंप को इस बारे में ज्यादा जानकारी होगी।

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बोल्टन ने कहा कि अगर ट्रंप नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में विजयी होते हैं तो वे हांगकांग और चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के मामलों पर चीन के खिलाफ नहीं जाएंगे। बोल्टन ने यहां तक कहा कि ट्रंप चीन के साथ बड़ी ट्रेड डील भी कर सकते हैं। ट्रंप को लेकर कोई भी बात निश्चित रूप से नहीं कही जा सकती और इसीलिए मैं नहीं मानता कि भारत-चीन विवाद में ट्रंप भारत के साथ खड़े होंगे।

चीन अपना रहा है विस्तारवादी नीति

बोल्टन ने कहा कि चीन इन दिनों विस्तारवादी नीति पर चल रहा है और इसी कारण उसके कई देशों के साथ संबंध बिगड़े हैं। इसी कारण जापान के साथ चीन के रिश्तों में भी खटास आई है। भारत और अन्य देशों के साथ चीन के खराब होते रिश्ते के बारे में सभी को जानकारी है। दरअसल चीन उन देशों पर हावी होना चाहता है जो आर्थिक रूप से काफी हद तक चीन पर निर्भर रहें। चीन ऐसे देशों पर हावी होने के लिए राजनीतिक और सैन्य तरीके आजमा रहा है। बोल्टन ने कहा कि मैं भारत, जापान और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय साझेदारी के पक्ष में हूं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी साझेदारी होती है तो यह भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी।

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ट्रंप के लिए मुसीबत बने बोल्टन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सलाहकार जॉन बोल्टन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रिश्ते इन दिनों काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले बोल्टन लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो ट्रंप के लिए राष्ट्रपति चुनाव में भारी मुसीबत का कारण बनते जा रहे हैं। उनकी एक किताब ने भी ट्रंप के लिए खासी मुसीबत पैदा कर दी है।

ट्रंप की भतीजी मैरी ट्रंप ने भी अपनी आने वाली किताब में ट्रंप को चीटर चाचा बताया है। अमेरिका में हुए कई सर्वे में ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन से लगातार पिछड़ते दिख रहे हैं। हालांकि मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए ट्रंप भी बड़े कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं।

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