कोरोना संक्रमित मरीजों में मिल रहे ऐसे लक्षण, दी जा रही ये दवा

अभी से तीन हफ्ते पहले अमेरिकी डॉक्टर्स गंभीर मरीजों को बचाने के लिए परेशान थे। गंभीर मरीजों में यह बात सामने आई कि उनका खून जम रहा था। ऐसे में खून...

Update: 2020-05-13 04:13 GMT

वाशिंगटन: अभी से तीन हफ्ते पहले अमेरिकी डॉक्टर्स गंभीर मरीजों को बचाने के लिए परेशान थे। गंभीर मरीजों में यह बात सामने आई कि उनका खून जम रहा था। ऐसे में खून को पतला करने वाली दवाएं दी जा रही थीं। अब एक नई स्टडी में खुलासा भी हो गया है कि खून पतला करने वाली दवाएं जीवनरक्षक साबित हो रही हैं।

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खून पतला करने की दी जा रही दवा

जर्नल ऑफ अमेरिकल कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इसमें डॉ. वैलेंटीन फस्टर बता रहे हैं कि कोरोना के गंभीर मरीजों के शरीर में खून के थक्के बन रहे हैं। यही जानलेवा साबित हो रहा है। इसलिए खून पतला करने वाली दवाओं से 50 फीसदी मरीजों की जान बचाई जा रही है।

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बढ़ा सर्वाइकल

डॉ. फस्टर ने बताया कि जब मरीजों को खून पतला करने की दवा दी गई तो उनमें से मरने वालों की संख्या आधी रह गई। जिनको यह दवा नहीं मिल पाई उनकी जान चली गई। इस दवा की वजह से अत्यंत गंभीर मरीजों का सर्वाइवल भी बढ़ा है।

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सिर्फ दी रही है खून पतला करने की दवा

वहां के एक बड़े अखबार ने लिखा है, 'अटलांटा के 10 अस्पतालों के आईसीयू के प्रमुख डॉ. क्रेग कूपरस्मिथ ने बताया कि किसी अस्पताल में खून जमने से 20 फीसदी मरीजों की मौत हुई तो किसी में 30 और कहीं पर 40 फीसदी। खून जमकर जान जाने वाला यह संकट तेजी से बढ़ रहा है। खून जमने से रोकने के लिए सिर्फ खून पतला करने की दवा है इसलिए वही दे रहे हैं। इस बदलाव को डॉक्टर समझ नहीं पा रहे हैं।

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पोस्टमार्टम में हुआ ये खुलासा

ऐसे मरीजों के मृत शरीर का पोस्टमॉर्टम किया गया तो सामने आया कि मरीजों के फेफड़ों में खून के छोटे-छोटे थक्के जमे हुए थे। दिल की नलियों और दिमाग की नसों में उससे बड़े खून के थक्के थे। इसी वजह से दिमाग ने काम करना बंद कर दिया और दिल का दौरा पड़ने से मरीज की मौत हो गई

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