न्यूजीलैंड के तट पर तबाही: मर गईं सैकड़ों व्हेल और डॉलफिंस, ये है बड़ी वजह

न्यूजीलैंड के पूर्वी तट से लगभग 800 किलोमीटर दूर चाथम द्वीप पर फंसे एक बड़े पैमाने पर 100 पायलट व्हेल और बॉटलनोज डॉल्फ़िन की मौत हो गई है। तस्वीरें देख कर ऐसा लगता है कि इनमे से कई मछलियां रविवार से ही तट पर फंसी थी।

Update:2020-11-25 20:52 IST
न्यूजीलैंड के तट पर मरी मिली 100 व्हेल-डॉलफिंस, ये बनी वजह

न्यूजीलैंड के पूर्वी तट से लगभग 800 किलोमीटर दूर चाथम द्वीप पर फंसे एक बड़े पैमाने पर पर 100 पायलट व्हेल और बॉटलनोज डॉल्फ़िन की मौत हो गई है। तस्वीरें देख कर ऐसा लगता है कि इनमे से कई मछलियां रविवार से ही तट पर फंसी थी। ख़बरों की माने तो चाथम द्वीप से जानकारी मिलने में देरी हुई जिसके चलते उन्हें बचाने की कवायद शुरू करने से पहले इनकी मौत हो गई।

घटनास्थल पर आने में हुई देरी

न्यूजीलैंड के कंजरवेशन विभाग का कहना है कि कुल 97 पायलट व्हेल और बॉटलनोज डॉलफिंस मृत पाई गई हैं। डीओसी जैव विविधता रेंजर जेम्मा वेल्च ने कहा कि रिमोट लोकेशन और पावर आउटेज के कारण लोगों से संपर्क करना मुश्किल हो गया, वेटांगी वेस्ट बीच पर घटनास्थल पर पहुंचे रेंजर के आने में 3 बज गए। जब तक वाह पहुंचे तब तक बहुत देर हो चुई थी और मछलियां बार चुकी थी।

करीब 26 जीवित मिली

इन मरी हुई मछलियों के बीच करीब 26 जीवित मिली, उन्हें बचाकर समुद्र में वापस भेज दिया गया। लेकिन उनकी हालत पहले जैसी नहीं यी काफी कमज़ोर हो चुकी हैं। बता दें, कि इस चाथम द्वीप पर सिर्फ 600 लोग रहते हैं। ये जगह मछलियों के तट पर फंसकर मरने के लिए जानी जाती है। न्यूजीलैंड के इस द्वीप पर मछलियों के फंसकर मरने की सबसे बड़ी घटना साल 1918 में हुई थी।

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अब ये सवाल उठता है कि आखिर मछलियां तटों पर फंसती क्यों हैं?

व्हेल, डॉलफिंस सोनार किरणें छोड़ती है। जब ये सोनार किसी वस्तु या जीव से टकरा पर वापस आती हैं तो वो उससे उसकी दूरी और आकार समाज लेती हैं। लेकिन ऐसा कई बार हुआ है कि सोनार के समाज में ना आने, किसी बड़े जीव का डर, मैग्नेटिक डिस्टर्बेंस या कम पानी होने की अवस्था में ये तटों पर फंस जाती हैं।

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आमतौर पर एक या दो व्हेल या डॉलफिंस ही तट पर आकर फंसती है। बाकी आवाज़ सुनकर उन्हें बचाने के लिए आती हैं। लेकिन आज कल हो रहे क्लाइमेट चेंज, धरती की चुंबकीय क्षेत्र में लगातार हो रहे बदलाव, भूंकपीय गतिविधयां आदि भी इन मछलियों को कन्फ्यूज करती हैं। जिसकी वजह से ये तटों पर आ जाती हैं। हर साल 300 सौ से ज्यादा व्हेल और डॉलफिंस मछलियां तटों पर फंसकर मारी जाती हैं।

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