पाकिस्तान काटेगा सिर: इमरान भी इनके आगे हुए मजबूर, मंदिर पर मचा बवाल
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में बनने जा रहे पहले हिंदू मंदिर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बड़ा बवाल मचाया हुआ है। हिंदू मंदिर के बनने के लेकर अब मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सरेआम धमकी देना शुरू कर दिया है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में बनने जा रहे पहले हिंदू मंदिर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बड़ा बवाल मचाया हुआ है। हिंदू मंदिर के बनने के लेकर अब मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सरेआम धमकी देना शुरू कर दिया है। साथ ही आरोप ये भी लगा है कि पाकिस्तान की धार्मिक सभाओं में कुछ कट्टरपंथी मौलाना कृष्ण मंदिर बनाने पर हिंसा की धमकी भी दे रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के आलोचक और लेखक तारिक फतेह ने ऐसे ही एक मौलाना का ट्वीट कर दावा किया है कि मंदिर बनाने पर खुलेआम सिर काटने की धमकी दी गई है।
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धार्मिक सभा में धमकी दे रहे
बता दें, कि मुस्लिम कट्टरपंथियों के विरोध के आगे पाकिस्तान की इमरान सरकार ने कृष्ण मंदिर बनाने का फैसला पहले ही वापस ले लिया है।
पाक आलोचक और लेखक तारिक फतेह ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसमें दिखाई दे रहा है कि मौलाना एक धार्मिक सभा में धमकी दे रहे हैं कि जो लोग इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर का समर्थन कर रहे हैं, उनके सिर कलम कर दिया जाएगा।
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गर्दनें काटकर मंदिर के सामने
साथ ही वह भीड़ से ये भी कहते हैं, 'तुम्हारे सिर मंदिर में चढ़ा दिए जाएंगे और कुत्तों को खिला दिए जाएंगे।' कट्टरपंथी मौलाना आगे कहता है, 'मस्जिदें चंदों से बन रही हैं और मंदिर पाकिस्तान के खजाने से पैसे निकालकर बनाए जा रहे हैं। अगर तुम मंदिर बनाओगे तो पाकिस्तान, गैरतमंद कौम तुम्हारी गर्दनें काटकर मंदिर के सामने फिरने वाले कुत्तों को डाल देंगे।'
बता दें, इससे पहले कृष्ण मंदिर के निर्माण पर रोक लगने के बाद अब कट्टरपंथियों ने मंदिर की जमीन पर जबरदस्ती अजान दी है। एक मौलाना के नेतृत्व में कुछ लोगों ने मंदिर के लिए रखी गई नींव और दीवार को भी गिरा दिया था।
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घुटने टेकते हुए मंदिर के निर्माण पर रोक
ऐसे में पाकिस्तान इमरान सरकार ने दो दिन पहले ही मुस्लिम कट्टरपंथियों के फतवे के आगे घुटने टेकते हुए मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी थी।
इसके साथ ही इस मंदिर का निर्माण पाकिस्तान के कैपिटल डिवेलपमेंट अथॉरिटी कर रही थी। पाकिस्तान सरकार ने अब मंदिर के संबंध में इस्लामिक ऑइडियॉलजी काउंसिल से सलाह लेने का फैसला किया है।
ऐसे में धर्म की शिक्षा देने वाले संस्थान जामिया अशर्फिया ने मुफ्ती जियाउद्दीन ने कहा कि गैर मुस्लिमों के लिए मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल बनाने के लिए सरकारी धन खर्च नहीं किया जा सकता।
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