अब ईरान पर हमला नहीं कर पायेगा अमेरिका, ट्रंप की 'जंग की प्लानिंग' हुई फेल

अमेरिका ने ईरान के जनरल को मार कर भले ही दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया हो लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप चाह कर भी जंग के बारे में नहीं सोच सकते। दरअसल, अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में जंग को रोकने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ।

Update:2020-01-10 09:05 IST
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अमेरिका ने ईरान के जनरल को मारकर भले ही दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया हो लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप चाह कर भी जंग के बारे में नहीं सोच सकते। दरअसल, अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में जंग को रोकने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ। इसके लिए वोटिंग के दौरान प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े। अब इस प्रस्ताव को सीनेट के ऊपर सदन में पेश किया जाएगा।

जंग न करने को लेकर पारित हुआ अमेरिका में प्रस्ताव:

ईरान जंग संग को बढ़ावा देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्कलें बढ़ गयी हैं। अब ट्रंप चाह कर भी ईरान पर हमला नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने से उनके ही राष्ट्र ने रोक दिया है। बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकार समिति करने के लिए 'वॉर पावर्स' प्रस्ताव पारित किया गया है। जिसके तहत निचले सदन में हुई वोटिंग के दौरान प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े। वहीं अब इस प्रस्ताव को सीनेट के ऊपरी सदन में पेश किया जाएगा।

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ट्रंप के हस्ताक्षर की भी जरूरत नहीं:

गौरतलब है कि अगर अमेरिकी कांग्रेस के ऊपरी सदन में भी प्रस्ताव पास हो जाता है तो इसे लागू करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, रिपब्लिकन सांसदों की मेजॉरिटी वाले सीनेट में इस प्रस्ताव का पास होना काफी मुश्किल लग रहा है।

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224 में से 194 वोट जंग रोकने के पक्ष में:

जंग को रोकने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन की स्पीकर और डेमोक्रेट सांसद नैंसी पेलोसी की अध्यक्षता में वॉर पावर्स प्रस्ताव के लिए वोटिंग कराई गई। इस वोटिंग में 224 सासंदों ने हिस्सा लिया। जिसमें से 194 वोट इसके पक्ष में पड़े।

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गौरतलब है कि अमेरिका ने ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी पर हमला करवाया था, इसमें उनकी मौत हो गयी थी। इसके बाद ईरान ने अमेरिका के दूतावास पर हमला कर दिया। ट्रम्प ने भी ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की। दोनों देशों में इससे तनाव की स्थिति बढ़ गयी।

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