Mahua Moitra Case: अब बच नहीं सकतीं महुआ, निशिकांत का टीएमसी सांसद पर बड़ा हमला, समिति के अध्यक्ष बोले-बचने के लिए महुआ ने सवालों से मुंह फेरे

Mahua Moitra Case: समिति के अध्यक्ष ने कहा, बचने के लिए महुआ ने सवालों से मुंह फेरा। वहीं, इन आरोपों पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दर्शन हीरानंदानी द्वारा अपने हलफनामे में किए गए दावों पर लोकसभा एथिक्स कमेटी महुआ से सवाल करने के लिए बाध्य है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2023-11-02 20:21 IST

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- कोई भी ताकत महुआ मोइत्रा को बचा नहीं सकती: Photo- Social Media

Mahua Moitra Case: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा संसद में सवाल के बदले पैसे लेने के आरोपों पर लोक सभा की एथिक्स कमेटी के सामने गुरुवार को पेश हुईं। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया और पैनल अध्यक्ष पर टीएमसी सांसद से व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं उन्होंने कमेटी की बैठक से वॉकआउट भी कर दिया। जिसके बाद एक बार फिर बयानबाजी शुरू हो गई है। विपक्ष के आरोपों पर एथिक्स कमेटी के प्रमुख विनोद सोनकर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी सदस्यों पर अनैतिक व्यवहार करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोपों से बचने के लिए उन्होंने वॉकआउट किया है।

महुआ ने किया असंसदीय भाषा का इस्तेमाल- सोनकर-

संसद की आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि सवालों के जवाब देने के बजाय वह (महुआ मोइत्रा) गुस्से में आ गईं। उन्होंने सभापति और समिति के सदस्यों के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, दानिश अली, गिरधारी यादव और अन्य विपक्षी सांसदों ने समिति पर आरोप लगाने की कोशिश की और वॉकआउट कर गए। उन्होंने बताया कि कमेटी बैठेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी।

संसद की आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर: Photo- Social Media

कोई भी ताकत महुआ को नहीं बचा सकती- निशिकांत दुबे

वहीं, इन आरोपों पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महुआ मोइत्रा ने जनता के सामने एक गलत नैरेटिव बनाने का प्रयास किया। वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि अनुसूचित जाति का एक व्यक्ति (विनोद सोनकर) आचार समिति का अध्यक्ष कैसे बन गया और वे उनके खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दर्शन हीरानंदानी द्वारा अपने हलफनामे में किए गए दावों पर लोकसभा एथिक्स कमेटी महुआ से सवाल करने के लिए बाध्य है। मेरे और अन्य लोगों द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी सबूतों के बाद कोई भी ताकत महुआ मोइत्रा को बचा नहीं सकती। निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि मैं और देहाद्राई वहां गवाह के रूप में गए थे और महुआ मोइत्रा एक आरोपी के रूप में गई थीं। उन्होंने जनता के बीच गलत कहानी पेश करने की कोशिश की। आज जो हुआ यह संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन है।

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महुआ ने पेश किया गलत आचरण

संसद की आचार समिति की बैठक के बाद बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि संसदीय स्थायी समिति की कार्यवाही स्वभाव से गोपनीय होती है। इसलिए उन्होंने (टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा) जो किया वह गलत था। वे सभी बाहर आए और उन्होंने कमेटी की कार्रवाई के बारे में बोला, यह गलत था। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। ये बातें बहुत गोपनीय हैं। बैठक के दौरान महुआ का आचरण निंदनीय था। उन्होंने हमारे अध्यक्ष और समिति के सभी सदस्यों के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया। समिति के अध्यक्ष हीरानंदानी के हलफनामे की सामग्री के बारे में सवाल पूछ रहे थे और वह उनका जवाब नहीं देना चाहती थीं। इसके बाद उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया।

बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी: Photo- Social Media

विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट

इससे पहले, लोकसभा की एथिक्स कमेटी की बैठक में निजी सवालों के आरोपों पर विपक्षी सांसदों ने महुआ मोइत्रा के साथ बैठक का बहिष्कार किया था। विरोध जताते हुए इन सांसदों ने सामूहिक वॉकआउट किया था। कांग्रेस सांसद और पैनल के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी ने वॉकआउट के बाद कहा था कि हमें एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष द्वारा मोइत्रा से पूछे गए सवाल अशोभनीय और अनैतिक लगे। वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद गिरिधारी यादव ने कहा कि उन्होंने महिला (टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा) से निजी सवाल पूछे। उन्हें निजी सवाल पूछने का अधिकार नहीं है, इसलिए हमने वॉकआउट किया। उनके अलावा, कई अन्य सदस्यों ने भी बैठक आयोजित करने के तरीके पर भी सवाल उठाया।

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सवाल के बदले पैसे लेने के आरोपों पर बोली महुआ

वहीं, एथिक्स कमेटी के सामने पेशी से पहले महुआ मोइत्रा ने सवाल के बदले पैसे लेने के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्राई दुश्मनी के कारण संसद में सवाल के बदले पैसे लेने के बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और संसदीय समिति से कहा कि आरोप देहाद्राई की दुश्मनी से प्रेरित है।

समिति के समाने जिस तरह से महुआ मोइत्रा सवालों क जवाब देने से बचती नजर आईं उससे तो यही लग हरा है कि महुआ किसी सवाल का सीधा जवाब नहीं देना चाहती हैं। वहीं निशिकांत दुबे जिस तरह का दावा कर रहे हैं उसे महुआ की मुश्किलें बढ़ना तय हैं।

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