अमित शाह का बंगाल दौरा: गृहमंत्री इस दिन भरेंगे हुंकार, ममता के गढ़ में होगी रैली

पश्चिम बंगाल और असम में इस साल अप्रैल-मई में केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के साथ विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। बंगाल में बीजेपी ने राज्य की ममता सरकार के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रखा है।

Update: 2021-01-20 12:58 GMT
अमित शाह का बंगाल दौरा: गृहमंत्री इस दिन भरेंगे हुंकार, ममता के गढ़ में होगी रैली

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में सियासी पारा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस महीने चुनावी राज्यों पश्चिम बंगाल और असम (Assam) सहित कुल चार राज्यों का दौरा करेंगे और इस दौरान वे जनसभाओं को संबोधित करने के अलावा रोड शो भी करेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शाह 30-31 जनवरी को पश्चिम बंगाल का दो दिवसीय दौरा करेंगे और बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें भी करेंगे। इस दौरान वह जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। शाह 24 जनवरी को असम का दौरा करेंगे और वहां भी वे पार्टी की रैली को संबोधित करेंगे।

पश्चिम बंगाल और असम में होंगे विधानसभा चुनाव

बता दें कि पश्चिम बंगाल और असम में इस साल अप्रैल-मई में केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के साथ विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। बंगाल में बीजेपी ने राज्य की ममता सरकार के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रखा है। पार्टी के नेता लगातार राज्य में रैलियां कर रहे हैं और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ हमलावर हैं।

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जेपी नड्डा के बंगाल दौरे के समय हुए थे हमले

हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल का दौरा किया था और ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। नड्डा ने राज्य विधानसभा चुनाव में ममता सरकार को उखाड़ फेंकते हुए 200 सीटें जीतने का दावा किया। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के दर्जन भर नेताओं ने पाला बदलते हुए हाल ही में बीजेपी ज्वॉइन किया है। शुभेंदु अधिकारी का नाम इन नेताओं में सबसे बड़ा है।

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ममता बनर्जी ने लेफ्ट की सरकार को हराया था

उधर, बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को ममता बनर्जी की ट्रंप से तुलना करते हुए कहा कि टीएमसी नेता चुनाव हारने के बाद भी राज्य सचिवालय नबन्ना नहीं छोड़ेंगी। ममता में तानाशाहों की तरह जिद ठानने की आदत है। टीएमसी और बीजेपी के अलावा कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने भी विधानसभा चुनाव साझा रूप लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस की ओर से लेफ्ट के साथ बातचीत और सीटें तय करने के लिए कमिटी का गठन किया गया है। 2011 में ममता बनर्जी ने लेफ्ट की सरकार को मात देकर बंगाल की राजनीति में परिवर्तन को साकार किया।

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