4 राज्यों में संक्रमण की दर सबसे ज्यादा, जापान के बराबर पहुंचा दिल्ली का आंकड़ा

देश में कोरोना की जांच के जो आंकड़े अभी तक सामने आए हैं, उनके हिसाब से दिल्ली में 12 में से एक सैंपल संक्रमित मिल रहा है। इस मामले में दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है जहां 16 सैंपल की जांच में एक व्यक्ति संक्रमित मिल रहा है।

Update:2020-04-21 12:43 IST

नई दिल्ली। देश में टेस्टिंग किट्स की संख्या बढ़ने के साथ ही कोरोना की जांच के काम में भी तेजी आ गई है। जांच में तेजी आने से विभिन्न राज्यों के संक्रमण दर का भी पता चलने लगा है। अभी तक मिले आंकड़ों के हिसाब से चार राज्यों में संक्रमण की दर सबसे तेज है। दिल्ली में संक्रमण की दर सबसे ज्यादा है और इस मामले में दिल्ली का आंकड़ा जापान के बराबर कौन चुका है।

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दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश का स्थान

देश में कोरोना की जांच के जो आंकड़े अभी तक सामने आए हैं, उनके हिसाब से दिल्ली में 12 में से एक सैंपल संक्रमित मिल रहा है। इस मामले में दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है जहां 16 सैंपल की जांच में एक व्यक्ति संक्रमित मिल रहा है। इसी तरह महाराष्ट्र में अठआरह और गुजरात में उन्नीस सैंपल की जांच करने पर एक मरीज संक्रमित पाया जा रहा है।

दूसरे देशों से बात भारत की स्थिति बेहतर

आईसीएमआर ने राष्ट्रीय स्तर की संक्रमण दर का भी खुलासा किया है। आईसीएमआर का कहना है कि जहां तक राष्ट्रीय स्तर पर जांच का सवाल है तो उसका आंकड़ा 24 में से एक सैंपल पॉजिटिव मिलने का है। वैसे यदि देश की संक्रमण दर की तुलना अन्य देशों से की जाए तो भारत बेहतर स्थिति में दिखता है।

आईसीएमआर के मुताबिक जापान में 11.7, अमेरिका में 5.3, इटली में 6.7 और ब्रिटेन में 3.4 सैंपल में से एक मरीज संक्रमित मिल रहा है।

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दिल्ली में की जा रही सबसे तेजी से जांच

मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण दिल्ली का बुरा हाल है। तमाम एहतियाती कदम उठाए जाने के बावजूद यहां कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में सबसे ज्यादा जांच दिल्ली में ही की जा रही है।

यहां 10 लाख की आबादी पर 1330 लोगों की कोरोना मण की जांच की जा रही है। मध्यप्रदेश में 10 लाख की आबादी पर 311, महाराष्ट्र में 600, गुजरात में 408 और जम्मू कश्मीर में 341 लोगों की जांच की जा रही है।

देश में अभी तक चार लाख से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है और इनमें 17000 से अधिक लोगों के सैंपल कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

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जांच में तेजी लाने पर जोर

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना पर लगाम लगाने के लिए जांच के काम में तेजी लाए जाने की जरूरत है। जांच का काम तेज होने पर ही कोरोना के संक्रमण की वास्तविक तस्वीर साफ हो सकेगी।

एक विशेषज्ञ ने कहा कि देश में जांच के काम में पहले ही तेजी लाए जाने की जरूरत थी मगर किट्स व लैब स्टाफ की पर्याप्त संख्या न होने के कारण ऐसा नहीं किया जा सका। हालांकि अब किट्स की दिक्कत कुछ हद तक दूर हो चुकी है। इस कारण जांच का दायरा भी बढ़ता जा रहा है।

टेस्टिंग किट्स की ऐसे करें सुरक्षा

कुछ राज्यों ने टेस्टिंग किट्स से सही नतीजा न मिलने की शिकायत की है। इस पर आईसीएमआर ने सभी राज्यों और जांच से जुड़े लोगों को निर्देश दिया है कि टेस्टिंग किट्स को 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में रखा जाए।

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आईसीएमआर का कहना है कि ऐसा करने पर निश्चित रूप से सही नतीजे मिलेंगे। पश्चिम बंगाल की शिकायत है कइ उसे सही टेस्टिंग किट्स नहीं मिली है।

इस पर आईसीएमआर का कहना है कि ये अमेरिकी लैब से मान्यता प्राप्त किट्स हैं। ज्यादा तापमान में रखे जाने पर इससे सही नतीजे नहीं मिलेंगे, लेकिन यदि इसे 20 डिग्री सेल्सियस से कम के तापमान पर रखा जाए तो निश्चित रूप से सटीक परिणाम मिलेंगे।

पूर्वोत्तर के राज्यों में मिली कामयाबी

 

कोरोना के संक्रमण पर पूर्वोत्तर के राज्यों को विजय हासिल होती दिख रही है। मणिपुर व अरुणाचल प्रदेश के कोरोना से मुकत होने के बाद असम भी इसी राह पर आगे चल रहा है। त्रिपुरा में भी हालात काफी हद तक नियंत्रण में है।

माना जा रहा है कि इन राज्यों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने और कोरोना संदिग्धों की पहचान कर त्वरित कार्रवाई करने से सकारात्मक नतीजे मिले हैं।

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रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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