आरएएफ स्थापना दिवस! परेड में शामिल हुए अमित शाह, जवानों को करेंगे सम्मानित

आरएएफ अर्थात ''रैपिड एक्शन फोर्स'' एक विशेष फोर्स है जिसे अक्‍टूबर 1992 में सीआरपीएफ के 10 स्‍वाधीन बटालियन को परिवर्तित करके बनाया गया था। इन ईकाईयों को दंगों, दंगों जैसी उत्‍पन्‍न स्थितियों, समाज के सभी वर्गों के बीच विश्‍वास पैदा करने अैर आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी के लिए गठित किया गया था।

Update:2023-06-23 11:02 IST

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अहमदाबाद: रैपिड एक्सन फोर्स (आरएएफ) के 27वें स्थापना दिवस पर आयोजित परेड में शामिल होने के लिए Central Home Minister Amit Shah participated in RAFT Foundation Day Parade

अमित शाह अहमदाबाद पहुंच गए हैं।

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बता दें कि इस अर्धसैनिक बल को दंगा रोधी और भीड़ नियंत्रण के कार्य में महारत हासिल है, यह आरएएफ देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का हिस्सा है, जिसमें 3.25 लाख से अधिक जवान हैं।

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अधिकारियों ने बताया...

अधिकारियों के मुताबिक, अमित शाह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधी कार्रवाई और विभिन्न राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले सीआरपीएफ जवानों को 20 वीरता पदक भी प्रदान करेंगे।

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जवानों को करेंगे संबोधित...

बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जवानों को संबोधित करने से पहले परेड की सलामी लेंगे और नीली डांगरी पहने आरएएफ कर्मियों की तैयारी का निरीक्षण करेंगे।

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स्थापना दिवस 7 अक्टूबर...

इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया था कि आरएएफ का स्थापना दिवस 7 अक्टूबर है, जब 1992 में यह अस्तित्व में आया था लेकिन गृहमंत्री की व्यस्तता की वजह से कार्यक्रम सोमवार को आयोजित किया जा रहा है।

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बताते चलें कि अमित शाह 5 अगस्त को केंद्र की ओर से संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे के अधिकतर प्रावधानों को निष्क्रिय करने के बाद आरपीएफ के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।

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सीआरपीएफ...

साथ ही बता चलें कि जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ प्रमुख बल है, जिसकी तैनाती वहां कानून व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए की गई है। घाटी में करीब एक लाख 50 हजार जवान तैनात हैं।

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रैपिड एक्शन फोर्स...

आरएएफ अर्थात ''रैपिड एक्शन फोर्स'' एक विशेष फोर्स है जिसे अक्‍टूबर 1992 में सीआरपीएफ के 10 स्‍वाधीन बटालियन को परिवर्तित करके बनाया गया था। इन ईकाईयों को दंगों, दंगों जैसी उत्‍पन्‍न स्थितियों, समाज के सभी वर्गों के बीच विश्‍वास पैदा करने अैर आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी के लिए गठित किया गया था।

आरएएफ, सबसे विश्‍वसनीय फोर्स है जो बिना समय गंवाए, कम से कम वक्‍त में संकट की स्थिति उत्‍पन्‍न होने पर स्‍थल पर पहुंच जाती है और सामान्‍य जनता के बीच पहुंच उन्‍हे सुरक्षित करती है और उनमें विश्‍वास पैदा करती है कि उनकी सुरक्षा के लिए कोई है।

इस फोर्स यानि बल के पास एक अलग झंडे का अधिकार प्राप्‍त है जो शांति का प्रतीक है, इस झंडे को आरएएफ के 11 सालों तक देश की सेवा करने के उपलक्ष्‍य में तत्‍कालीन उपप्रधानमंत्री लाल कृष्‍ण आडवाणी ने 7 अक्‍टूबर 2003 को फोर्स को प्रदान किया।

आरएएफ, व्‍यवसायिकता के अपने सर्वोच्‍च क्रम के लिए अंतरराष्‍ट्रीय मंच में उत्‍कृष्‍टता और वाहवाही अर्जित करने के लिए लगातार प्रत्‍येक वर्ष विभिन्‍न देशों (जैसे- हैती, कोसोवो, लिबरा आदि) के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति मिशन के लिए संयुक्‍त रूप से पुरूष और महिलाओं को प्रशिक्षित करता है।

संगठन के बारे में...

इस विशेष फोर्स में 10 बटालियन हैं जो सीआरपीएफ में बटालियन संख्‍या 99 से 108 हैं, इनकी अध्‍यक्षता, महानिरीक्षक अधिकारी के द्वारा की जाती है। वर्तमान में आरएएफ, आईजी, श्री आर.एन. मिश्रा हैं।

फोर्स में सबसे छोटी कार्यात्‍मक ईकाई, 'टीम' है जिसे एक निरीक्षक के द्वारा कमांड किया जाता है, जिसके तीन हिस्‍से होते हैं : दंगा नियंत्रण तत्‍व, आंसू गैस तत्‍व और आग तत्‍व। यह एक स्‍वतंत्र असाधारण ईकाई के रूप में संगठित है।

आरएएफ की कम्‍पनी में एक टीम में, स्थिति को ज्‍यादा भली-भांति और अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए महिला कर्मियों को भी शामिल किया गया है जहां फोर्स, महिला प्रदर्शनकारियों से निपटता है।

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