किसान आंदोलन: सरकार का प्रस्ताव ठुकराया, कृषि कानून वापस लेने पर अड़े

40 किसान संगठनों की बैठक के बाद आयोजित पीसी में योगेंद्र यादव ने कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों में किसी भी प्रकार के बदलाव की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं।

Update:2020-12-23 12:48 IST
किसान आंदोलन LIVE: सिंघु बॉर्डर पर बैठक शुरू, सरकार से बातचीत पर होगा फैसला  

नई दिल्ली: कड़ाके की ठंड में ठिठुरते किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर गर्मी बढ़ा रखी है। हालत ये है कि सरकार भले ही कृषि कानूनों को रद्द करने के पक्ष में नहीं लेकिन किसानों के आंदोलन ने इस ठंड में सरकार के पसीने जरूर छुड़ा दिए। किसानों के आंदोलन का आज 28वां दिन था, वहीं क्रमिक भूख हड़ताल का तीसरा दिन है। उन सब के बीच सरकार और किसानों में कृषि कानूनों पर फ़िलहाल सुलह होती नहीं दिख रही।

सरकार से बातचीत के लिए राजीः योगेंद्र यादव

बातचीत के लिए सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने अपनी सहमति जता दी है। 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद आयोजित पीसी में योगेंद्र यादव ने कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों में किसी भी प्रकार के बदलाव की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं।

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न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जो प्रस्ताव सरकार से आया है उसमें कुछ भी साफ नहीं है और स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार ठोस प्रस्ताव लिखित में भेजें और खुले मन से बातचीत के लिए बुलाए।

हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लें विधायक

आंदोलनरत किसानों के द्वारा बुलाए गए किसान दिवस के आंदोलन के दौरान हरियाणा के फतेहाबाद में हजारों की संख्या में किसान इकट्ठा हुए और एक किसान पंचायत बुलाई गई।

इस दौरान किसानों ने कुछ देर के लिए सांकेतिक धरना भी दिया और फतेहाबाद शहर के बीचों-बीच सड़कों को भी जाम किया और इसके बाद बीजेपी के स्थानीय विधायक दूड़ाराम के घर जाकर उनको ज्ञापन सौंपा और उन्हें कहा कि किसानों और मजदूरों के वोट हासिल करके वो विधायक बने हैं।

ऐसे में जब केंद्र सरकार किसान और मजदूरों के खिलाफ कृषि कानूनों को लेकर आ रही है तो तमाम विधायकों को भले ही वो बीजेपी के हो या बीजेपी को समर्थन दे रही जननायक जनता पार्टी के या फिर निर्दलीय विधायक, सभी को हरियाणा सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए।

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महाराष्ट्र से चला किसानों का जत्था पहुंचा मध्य प्रदेश

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र से चला किसानों का जत्था आज मध्य प्रदेश में प्रवेश कर गया। इसका मेधा पाटकर के नेतृत्व में एनएपीएम और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया गया। यह जत्था आज रात राजस्थान के कोटा में पहुंचेगा, जहां दुली चंद की अगुवाई में एआईकेएस इकाई द्वारा इसका स्वागत किया जाएगा। कल दोपहर में यह जत्था दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच सकता है। इस जत्थे में एक हजार किसान अपनी 50 से अधिक गाड़ियों के साथ शामिल हैं।

किसान संगठनों की बैठक शुरू, सरकार से बातचीत पर होगा फैसला

किसान संगठनों की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि सरकार से बातचीत करनी है या नहीं। अगर करनी है तो सरकार के सामने क्या प्रपोजल रखा जाएगा और नहीं करनी है तो आगे की रणनीति क्या होगी। इस बैठक से पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढुनी ने कहा किसरकार अपने रुख पर अड़ी हुई है, हम भी अपनी मांग पर अड़े हैं। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति को भी स्वीकार नहीं करते हैं, अगर वह बनाई जाती है। अगर सरकार बात करना चाहती है कि वे कानूनों को निरस्त क्यों नहीं करती है।

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UP में कांग्रेस का थाली पीटकर आंदोलन शुरू

किसान दिवस पर कांग्रेस का कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है। थाली पीटकर किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने आंदोलन शुरू किया है। प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।

किसानों के समर्थन में आप का प्रदर्शन

किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ता आज प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इसके अनुसार सफदरजंग मदरसा से लोधी फ्लाईओवर तक लोधी रोड को बंद कर दिया गया है। यह रूट अगले 3-4 घंटे तक बंद रहेगा।

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किसानों से मिलने पहुंचा तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल

सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है। इसमें प्रतिनिधिमंडल में डेरेक-ओ-ब्रायन, शताब्दी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मंडल और मोहम्मद नदीमुल हक शामिल हैं। तृणमूल सांसदों का कहना है कि हम सीएम ममता बनर्जी के आदेश पर किसानों के समर्थन में यहां आए हैं।

कृषि मंत्री की चिट्ठी लेकर घर-घर जाएंगे बीजेपी कार्यकर्ता

किसानों आंदोलन के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नए कृषि कानूनों के समर्थन में अपना अभियान तेज कर दिया है। उत्तर प्रदेश में 26 और 27 दिसंबर को बीजेपी के कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की चिट्ठी को दिखाकर किसान हित में किए कार्यों को गिनाएंगे। इसके साथ ही मलिन बस्तियों में केंद्र की योजनाओं को बताएंगे।

दिल्ली रवाना हो रहे थे पीलीभीत के किसान, समझाने पहुंचे डीएम-एसपी

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के किसान आज दिल्ली घेरने के लिए रवाना होने लगे तो डीएम और एसपी मौके पर पहुंच गए हैं। पूरनपुर के गुरुद्वारे में प्रशासन और किसान संगठनों के बीच बातचीत चल रही है। बीते सोमवार को एक बड़ा जत्था किसानों का दिल्ली रवाना हुआ था। उसके बाद से ही डीएम-एसपी पूरनपुर में कैम्प किए हुए हैं।

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किसानों की खुशहाली के लिए कदम उठा रही है सरकार: CM योगी

किसान दिवस के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसान ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए देश की किसी भी जगह अपनी उपज को बेच सकता है। हम निरंतर किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का काम कर रहे है, केंद्र की सरकार भी दिन रात लगी है, हम किसानों के सम्मान के लिए हर कदम उठा रहे हैं।

किसानों ने बनाई पांच सदस्यों की कमेटी

संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी में प्रेम सिंह भंगू, हरेंद्र सिंह लक्खोवाल और कुलदीप सिंह शामिल हैं। किसान नेताओं की यह कमेटी तय करेगी की सरकार से जो प्रस्ताव बातचीत का मिला है, उस पर बातचीत हो या नहीं और अगर हो तो उसकी रूपरेखा क्या हो।

यह पांच सदस्यीय कमेटी सरकार के प्रपोजल को लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी और उसके बाद उस ड्राफ्ट को लेकर 40 किसान नेताओं की मीटिंग होनी है। उस मीटिंग में इस ड्राफ्ट को रखा जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आज दोपहर 2:00 बजे होगी। इस मीटिंग में यह फैसला लिया जाएगा कि सरकार से बातचीत हो या नहीं और अगर हो तो उसकी रूपरेखा क्या हो।

राकेश टिकैत बोले- हम बातचीत के लिए तैयार हैं

गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज एक महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती है। इसे किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध बातचीत से ही सुलझेगा। अगर सरकार चाहती है तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हम कानून में संशोधन नहीं वापसी चाहते हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ब्रिटिश पीएम को चिट्ठी लिखना हमारा एजेंडा नहींं है और न हम चाहते हैं कि वह किसानों का मसला सुलझने तक भारत न आएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिजनेसमैन से कह रहे हैं कि कृषि कानून बहुत अच्छे हैं, लेकिन वह किसानों के बीच नहीं आ रहे हैं।

राजनाथ बोले- सरकार संवेदनशीलता के साथ किसानों से कर रही है बात

किसान दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसान दिवस पर मैं देश के किसानों को शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान की है। कुछ किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ उनसे बातचीत कर रही है। मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही अपना आंदोलन समाप्त करेंगे।

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किसानों को अपमानित करना छोड़े बीजेपी: अखिलेश

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किसान दिवस मनाया जाता है। आज किसान दिवस है। समाजवादी पार्टी ने आज उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में किसानों के समर्थन में कार्यक्रम का ऐलान किया है। इस कार्यक्रम से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विट करके कहा, 'चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन! आज भाजपा के राज में देश के इतिहास में एक ऐसा ‘किसान दिवस’ आया है, जब उत्सव के स्थान पर देश का किसान सड़कों पर संघर्ष करने पर मजबूर है। भाजपा किसानों का अपमान करना छोड़े क्योंकि ‘देश का किसान, भारत का है मान’।'

सरकार से बातचीत को किसान तैयार

गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध बातचीत से ही सुलझेगा। अगर सरकार चाहती है तो हम बातचीत के लिए तैयार हैंलेकिन हम कानून में संशोधन नहीं, वापसी चाहते हैं।

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किसानों ने बनाई पांच सदस्यों की कमेटी

संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी में प्रेम सिंह भंगू, हरेंद्र सिंह लक्खोवाल और कुलदीप सिंह शामिल हैं. किसान नेताओं की यह कमेटी तय करेगी की सरकार से जो प्रस्ताव बातचीत का मिला है, उस पर बातचीत हो या नहीं और अगर हो तो उसकी रूपरेखा क्या हो।

यह पांच सदस्यीय कमेटी सरकार के प्रपोजल को लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी और उसके बाद उस ड्राफ्ट को लेकर 40 किसान नेताओं की मीटिंग होनी है। उस मीटिंग में इस ड्राफ्ट को रखा जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आज दोपहर 2:00 बजे होगी। इस मीटिंग में यह फैसला लिया जाएगा कि सरकार से बातचीत हो या नहीं और अगर हो तो उसकी रूपरेखा क्या हो।

सिंघु बॉर्डर पर CM योगी का पूतला फूंका

सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान संगठन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और मुरादाबाद में किसानों पर लाठीचार्ज से नाराज हैं। नाराजगी को जाहिर करने के लिए किसानों ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूतला फूंका।

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किसान दिवस पर अन्नदाताओं का प्लान:

किसान दिवस के मौके पर अपनी मांगों पर अड़े किसान संगठनों ने आंदोलन को और तेज करने का एलान किया है। वहीं देशवासियों से उनका समर्थन करने की अपील करते हुए एक वक्त का भोजन न करने का अनुरोध किया। किसान संगठन आज बैठक कर आगे की रणनीति तय कर रहे हैं तो वहीं सरकार के बातचीत के न्यौते पर फैसला भी ले सकते हैं।

किसानों के आंदोलन का 28वां दिन, तीसरे दिन भूख हड़ताल

दिल्ली की सीमाओं को चारों तरफ से घेर कर बैठे किसानों को 28 दिन हो गए हैं। कृषि कानून के खिलाफ अन्नदाताओं ने भूख हड़ताल का एलान किया है। हर दिन 11 किसान भूख हड़ताल कर रहे हैं और आज उपवास का तीसरा दिन है। इन सब के बीच आज का दिन बेहद ख़ास है क्योंकि आज किसान दिवस है।

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