कोरोना से जंग: सरकार ने कोविड-19 को हराने के लिए बनाई ये मजबूत रणनीति

कोरोना वायरस का संक्रमण को रोकने में केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी जमकर काम कर रही हैं। सरकार को उम्मीद है कि कोरोना वायरस के हाई...

Update: 2020-04-08 05:33 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण को रोकने में केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी जमकर काम कर रही हैं। सरकार को उम्मीद है कि कोरोना वायरस के हाई रिस्क जोन में रणनीति के तहत काम करने के बाद अब संक्रमण के मामलों में कमी आ जाएगी। फिर भी यह डर है कि तबलीगी जमात जैसी कोई भी अन्य घटना सरकारों की मेहनत पर पानी फेर सकती है।

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कुछ घटनाएं निंदनीय

तबलीगी सदस्यों को ट्रैक कर जांच में केंद्र सरकार का राज्यों ने पूरा सहयोग दिया है। हालांकि, अब भी बड़ी संख्या में ऐसे जमाती हैं, जो छिपे हुए हैं। कई जगहों से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां स्वास्थ्य कर्मियों पर पानी फेंकने, थूकने और जांच के लिए गई टीम पर पत्थर मारने की बात सामने आई।

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अपनाईं दो रणनीतियां

मंगलवार को कोरोना वायरस को लेकर ब्रीफिंग में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि हमने कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दो रणनीतियों को अपनाया है। इनमें से क्लस्टर रोकथाम रणनीति प्रमुख है। किसी क्षेत्र में संक्रमण की दर ज्यादा होने के हालात होने पर इसे लागू किया जाता है।

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अभी प्रतिबंधों को हटाना सही नहीं

लव के अनुसार, इस रणनीति को लागू करने के लिए राज्यों को और वहां के कलेक्टरों को निर्देशित करते हैं। इसके तहत संबंधित जिले के कलेक्टर विशेष रणनीति बनाकर संक्रमण की दर को कम करते हैं। अधिकारियों ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि संक्रमण की दर कम होने की स्थिति में भी प्रतिबंधों को हटना सही नहीं होगा। इससे कोरोना के प्रकोप का खतरा बढ़ सकता है।

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ये हो रहे सफल

रोकथाम और संक्रमण से बचे रहने की रणनीति ने महाराष्ट्र के मुंबई, हरियाणा के नूह व पलवल और राजस्थान के भीलवाड़ा में संक्रमण की दर को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई। उत्तर प्रदेश के आगरा, गौतमबुद्ध नगर और पूर्वी दिल्ली जैसे क्षेत्रों में भी अच्छा असर देखने को मिला।

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क्या हुआ निर्देशों का फायदा

मंत्रालय ने प्रकोप नियंत्रण और क्लस्टर नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। इसके अंतर्गत कोरोना वायरस से संक्रमितों की निगरानी, क्वारंटीन सुविधाओं की निगरानी, संदिग्ध व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर नजर रखने और घरों में आईसोलेट करने में बहुत सहायता मिल रही है।

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