चीन से तनाव के बाद भारत ने कसी कमर, हर स्तर पर सुरक्षा कड़ी

चीन और भारत के रिश्तों में तनाव बढ़ने के साथ ही भारतीय सेना ने सीमाओं पर पहरा सख्त कर दिया है। भारत की सीमाओं को अभूतपूर्व रूप से सुरक्षित किया जा रहा है।

Update:2020-07-22 19:50 IST

नई दिल्ली: चीन और भारत के रिश्तों में तनाव बढ़ने के साथ ही भारतीय सेना ने सीमाओं पर पहरा सख्त कर दिया है। भारत की सीमाओं को अभूतपूर्व रूप से सुरक्षित किया जा रहा है। सुरक्षा का स्तर सिर्फ ज़मीन पर ही नहीं, आकाश और जल में भी की गुना बढ़ा दिया गया है। यानी भारत की तीनों सेनाएं इस वक्त हाई एलर्ट पर हैं और पूरी तैय़ारी के साथ किसी भी दिशा से होने वाले हमले का जवाब देने को बिलकुल तैयार हैं।

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ध्रुवास्त्र बना भारत का पहला ब्रह्मास्त्र

वैसे भारतीय सेना के पास कई ताकतवर हथियार हैं, पर हाल ही में इस ज़खीरे में एक नाम और जुड़ गया है। पूरी तरह से भारत में बनी मिसाइल का सफल परीक्षण पूरा कर लिया है। इसे डीआरडीओ ने बनाया है और इसकी मारक क्षमता चार से सात किलोमीटर तक है। इसका परीक्षण ओडिशा में किया या जहां इसे डायरेक्ट और अटैक मोड में टेस्ट किया गया है। यह एक क्विक रिस्पांस मिसाइल है जो अटैक हेलीकाप्टर ध्रुव पर लगाई जाएगी। यह मिसाइल बेहद ताकतवर है और इसके हमले से बच पाना नामुमकिन है।

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राफेल भी बढ़ाएगा ताकत

भारतीय वायुसेना अपने दमखम के लिए जानी जाती है। इसके पराक्रम में अब इज़ाफा करेगा फाइटर जेट राफेल। 29 जुलाई के भारत पहुंच रहे राफेल को अम्बाला एयरबेस में भारतीय एयरफोर्स को सौंपा जाएगा। वायुसेना के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इन फाइटर जेट्स के भारत पहुंचते ही चीन सीमा पर तैनात भी कर दिया जाएगा। इन फाइटर जेट्स के क्रू मेम्बर्स और पायलेट्स को पहले इन विमानों से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जा चुका है इसलिए इसकी तैनाती में देरी नहीं की जाएगी।

अभूतपूर्व है सीमाओं की सुरक्षा

धरती और आकाश ही नहीं भारत ने पानी में भी अपनी सुरक्षा का स्तर बेहद मज़बूत कर लिया है। भारतीय नौसेना को पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब तैनात किया गया है। नौसेना ने मिग-29 विमानों के एक बेड़ा भी तैयार रखा है जो सामरिक दृष्टि से युद्ध में अहम भूमिका निभा सकता है। इस बेड़े के करीब 18 मिग -29 आईएनएस विक्रांत पर तैनात कर दिए गए हैं।

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यही नहीं एलएसी पर तनाव के मद्देनज़र भारतीय सेना ने सीमा के करीब सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमानों को भी तैनात कर दिया है, जिससे ज़रूरत पड़ने पर भारत की सीमाओं को कोई भेद ना सके। यही नहीं पूर्वी लद्दाख की भारतीय सीमा पर नौसेना के टोही विमान पी 8 आई यानी पोसाइडेन-8 ने भी इस तैयारी को और मज़बूत किया है। यह विमान समंदर के कई सौ मीटर अंदर मौजूद पनडुब्बी को खोज निकालता है।

अमेरिका में बने इस विमान में खास तरह के इलेक्ट्रों ऑप्टिकल सेंसर्स लगे हैं, जो कई हज़ार फीट ज़मीन की गहराई में होने वाले किसी भी मूवमेंट का पता लगा लेता है। यह विमान दुश्मन देश की हर गतिविधि पर निगाह रखकर उसकी तस्वीरें मुहैया कराने की क्षमता रखता है। गलवान घाटी में चल रही भारत और चीन के बीच की तनातनी के मद्देनज़र यह टोही विमान पूरे इलाके में चल रही हर गतिविधि पर निगाह रख भारत की सेना के लिए काफी मददगार साबित होगा।

रिपोर्ट: तनवीर फातिमा

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