चीन कांपा 3 रत्नों से: एक झटके में करेगें चकना-चूर, दफन होंगे नापाक इरादें

लद्दाख सीमा पर चल रही तनातनी के चलते भारतीय वायुसेना हर मोर्चें पर चीन को मुहंतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को हराने के लिए भारत ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

Update: 2020-09-12 10:42 GMT
लद्दाख सीमा पर चल रही तनातनी के चलते भारतीय वायुसेना हर मोर्चें पर चीन को मुहंतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने देगा।

नई दिल्ली: लद्दाख सीमा पर चल रही तनातनी के चलते भारतीय वायुसेना हर मोर्चें पर चीन को मुहंतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को हराने के लिए भारत ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। दुश्मन देश चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते हुए डेढ़ साल पहले ही पश्चिमी मोर्चे पर अपनी ताकत को बढ़ाना शुरू कर दिया था। धोखेबाज चीन को उसकी घिनौनी करतूतों का सबक सिखाने के लिए वेस्टर्न फ्रंट मतलब की पश्चिमी मोर्चे को चिनूक, अपाचे और राफेल के जरिए सेना में शामिल करके अब और भी ताकतवर बना दिया गया है। ये शक्तिशाली लड़ाकू विमान चंडीगढ़, पठानकोट और अंबाला वायुसेना बेस में तैनात है, इन्ही के जरिए देश के दुश्मनों को सबक सिखाया जाएगा।

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महाशक्तिशाली राफेल लड़ाकू विमान

फोटो-सोशल मीडिया

देश की शक्ति को कई गुना बढ़ा देने वाले राफेल विमान को सभी विमानों का महाबली भी कहा जाता है। ये किसी भी जंग और युद्ध की स्थिति से निपटने में समर्थ कॉम्बैट फाइटर जेट है।

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राफेल लड़ाकू विमान की सबसे अहम बात ये है कि ये ग्राउंड सपोर्ट, डेप्थ स्ट्राइक और एंटी शिप अटैक में सक्षम है। इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये छोटे न्यूक्लियर हथियारों को ले जाने में सक्षम हैं। राफेल एयरक्राफ्ट 9500 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है।

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बलशाली चिनूक हेलीकॉप्टर:

भारत के लिए दुश्मनों का खात्मा करने वाला चिनूक हेलीकॉप्टर, इसकी मदद से भारतीय वायुसेना चीन को मुंहतोड़ जबाब दे सकती है.।लद्दाख में कई इलाकों में जब रोड बनाने का काम शुरू हुआ तब इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। भारत की तरफ से सितंबर 2015 में बोइंग के साथ 15 सीएच-47एफ़ चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया गया था।

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आपको बता दें कि ये सौदा 8,048 करोड़ रुपये का था। इस हेलीकॉप्टर की खास बात ये है कि ये भारी से भारी समान को ले जाने में सक्षम है और इसे छोटे हेलीपैड और घनी घाटियों में भी उतारा जा सकता है।

थर-थर कांपेंगे दुश्मन जब सामने होगा अपाचे हेलीकॉप्टर:

दुश्मनों के पसीने छुटाने वाला अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल दुश्मन से जंग के समय भारतीय वायुसेना की मदद के लिए किया जा सकता है। इस हेलीकॉप्टर को अमेरिका की कंपनी बोइंग ने तैयार किया है।

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नापाक इरादें नहीं होंगे कामयाब

अपाचे हेलीकॉप्टर की बेहद खास बात ये है कि इनके पंखों का फैलाव 17.15 फीट तक होता है और इनकी ऊंचाई 15.24 फीट है। अपाचे हेलीकॉप्टर में दो हाई परफॉर्मेंस टर्बोशाफ्ट इंजन लगे होते हैं जो इसे और ताकतवर बनाते हैं।

इसके साथ ही अपाचे हेलीकॉप्टर की महत्वपूर्ण बात ये है कि ये हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइलें, रॉकेट और ऑटोमेटिक कैनन गन ले जाने में सक्षम है। इस वज 6838 किलोग्राम होता है और ये अधिकतम 279 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। दुश्मन के नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने देगा ये विमान।

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