राज्यसभा में बोले PM मोदी, सेकेंड हाउस को सेकेंड्री बनाने की कोशिश न करें

 संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरु हो गया। यह सत्र कई मायनों में खास है। इस सत्र में सरकार कई अहम बिलों पर चर्चा करेगी।संसद का यह सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 20 बैठकें होंगी। संसद में 43 बिल पेंडिंग है, 12 बिलों को सदन के समक्ष रखा जाना है जो कि मानसून सत्र वाले बिल ही हैं।

Update: 2019-11-18 05:39 GMT

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र इस बार खास है। ऊपरी सदन राज्यसभा में सोमवार को 250वें सत्र की शुरुआत हुई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 250 सत्रों के बीच जो यात्रा चली है, उनको नमन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि सदन संवाद के लिए होना चाहिए। भारी बहस हो, लेकिन रुकावटों के बजाय संवाद का रास्ता चुनें। एनसीपी और बीजेडी ने तय किया है कि वे वेल में नहीं जाएंगे, लेकिन फिर भी न एनसीपी न बीजेडी की राजनीतिक यात्रा में कोई रुकावट आई है। उच्च परंपरा जिसने बनाई उनका कोई राजनीतिक नुकसान नहीं हुआ। उनसे हमें सीखना चाहिए। इसकी चर्चा भी होनी चाहिए और उनका धन्यवाद देना चाहिए।

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पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 5 साल का समय देखें तो यही सदन है जिसने तीन तलाक का बिल पास करके महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा काम किया। इसी सदन ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, लेकिन कहीं विरोधभाव पैदा नहीं हुआ। सब जगह सहयोग का भाव बना।

उन्होंने कहा कि इसी सदन ने जीएसटी के रूप में वन नेशन-वन टैक्स की ओर समहति बनाकर देश को दिशा देने का काम किया है। देश की एकता और अखंडता के लिए अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने की शुरुआत पहले इसी सदन में हुई, उसके बाद लोकसभा में ये हुआ।

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पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हम लोगों को जो दायित्व दिया है, हमारी प्राथमिकता है कल्याणकारी राज्य लेकिन उसके साथ हमारी जिम्मेदारी है राज्यों का भी कल्याण। राज्य और केंद्र मिल करके देश को आगे बढ़ा सकते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था। उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला। लेकिन उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी। ये हम सबके लिए स्मरणीय है।

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पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन के दो पहलू खास हैं पहला स्थायित्व और दूसरा विविधता। स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है लेकिन राज्य सभा कभी भंग नहीं होती। और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदन का एक और लाभ भी है कि हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना बहुत सरल नहीं होता है, लेकिन देशहित में उनकी उपयोगिता कम नहीं होती है, उनका अनुभव, उनका सामर्थय मूल्यवान होता है।

उन्होंने कहा कि राज्यसभा का फायदा है कि यहां वैज्ञानिक, कलाकार और खिलाड़ी जैसे तमाम व्यक्ति आते हैं जो लोकतांत्रिक तरीके से चुने नहीं जाते हैं। बाबा साहेब इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। वे लोक सभा के लिए नहीं चुने जा सके लेकिन वे राज्यसभा पहुंचे। बाबा साहेब अंबेडकर के कारण देश को बहुत कुछ प्राप्त हुआ।

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पीएम मोदी ने कहा कि 250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है। एक विचार यात्रा रही। समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया। सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है। कितना अच्छा योगदान इसने दिया है। जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है।

पीएम ने कहा कि भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है।

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पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा के 250वें सत्र में शामिल होना मेरा सौभाग्य है। संसद भारत की विकास यात्रा का प्रतिबिंब है। 250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है। एक विचार यात्रा रही। समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया। सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं।

पीएम मोदी ने राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में राज्यसभा में योगदान देने वालों का अभिनंदन किया।

कांग्रेस और शिवसेना का लोकसभा से वॉक आउट

जम्मू-कश्मीर की स्थिति और फारुक अब्दुल्ला की नजरबंदी पर हंगामे के बाद प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने लोकसभा से वॉक आउट कर दिया है। इससे पहले शिवसेना के सांसद भी सदन की कार्यवाही छोड़ बाहर जा चुके हैं।

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संसद में 43 बिल पेंडिंग है, 12 बिलों को सदन के समक्ष रखा जाना है जो कि मानसून सत्र वाले बिल ही हैं। सत्र शुरु होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया से कहा था कि यह सत्र अहम है। इस हर विषय पर खुलकर वाद-विवाद होगा। सभी सांसदों शुभकामनाएं देते हुए सत्र को समृद्ध बनाने में योगदान देने को कहा है।

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इस सत्र को बहुत अहम माना जा रहा है। ऐसा अनुमान है कि सरकार इस सत्र में कई बिल लाएगी और उस पर चर्चा कराकर उसे पास करवाएगी। केंद्र सरकार इस सत्र में लगभग 35 विधेयकों को पारित कराना चाहती है। इन विधेयकों में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 भी है। फिलहाल संसद में 43 बिल लंबित हैं।

संसद के13 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में 20 बैठके होंगी। इस सत्र में कई मुद्दों पर हंगामा के आसार हैं। आर्थिक मंदी, किसानों की समस्या, जेएनयू में विरोध प्रदर्शन, उन्नाव और लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मामला अहम है जिन पर सरकार को विपक्ष घेर सकती है। इस सत्र में सरकार ने जिन विधेयकों को पास करने को लेकर मंजूरी प्रदान की है उनकी सूची में नागरिकता (संशोधन) विधयेक 2019 को 16वें नंबर पर है।

पिछली बार से ज्यादा बड़ा जनादेश (303 सीटों) के साथ बीजेपी अब दोबारा सत्ता में आई है, इसलिए सरकार इस बार नागरिकता (संशोधन) विधेयक को संसद में पास करवाना करवाना चाहेगी। इस विधेयक से मुस्लिम आबादी बहुल पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले गैर-मुस्लिम अप्रवासियों के लिए भारत की नागरिकता लेना आसान हो जाएगा।

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43 विधेयक संसद में लंबित

जानकारी के मुताबिक चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 उन 12 लंबित विधेयकों में शामिल है, जिन्हें संसद में चर्चा कर पारित करवाने के लिए रखा गया है। फिलहाल संसद में 43 विधेयक लंबित हैं, इनमें से 27 विधेयक पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं जबकि सात विधेयक वापस लिए जाने हैं।

पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल,ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल, 2019 (लोकसभा से पास हो चुका है, राज्यसभा से बाकी है।), इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर रोक (प्रोडक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग, इम्पोर्ट, एक्सपोर्ट) का बिल, 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड बिल, 2019 (ट्रेड यूनियन एक्ट, 1926 में बदलाव लाने वाला बिल), टैक्सेशन लॉ (एमेंडमेंट) बिल,कंपनी (संशोधन) बिल, 2019 (कंपनी एक्ट, 2013 में बदलाव),चिट फंड (संशोधन) बिल, 2019 (लोकसभा में पेश किया जा चुका है, राज्यसभा में पेश होना बाकी),नेशनल कमिशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ, मेडिसिन बिल, 2019 (इंडियन मेडिसिन सेंट्रल काउंसिल एक्ट, 1970 को बदलने वाला),सरोगेसी बिल, 2019, जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल (संशोधन) (बिल, 2019 इस बिल के आने से कांग्रेस के अध्यक्ष का ट्रस्टी का प्रमुख होना हट जाएगा और केंद्र सरकार के पास ये ताकत आ जाएगी)।

अयोध्या विवाद व धारा 370 के बाद ये संसद का पहला सत्र है। ऐसे में कई मसलों पर विपक्ष मोदी सरकार को घेर सकती है।

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