Kohinoor Britain: जल्द ही भारत आ सकता है कोहिनूर हीरा, संसदीय समिति ने केन्द्र से कहा-नही रोक सकती यूनेस्को संधि
Kohinoor Britain: समिति का कहना है कि पक्षकार देशों के साथ भारत विशेष समझौता कर सकता है, जिससे संधि के माध्यम से पूर्व में भारत से ले जाये गए या चुराए गए पुरावशेषों की वापसी के लिए एक तंत्र विकसित किया जा सके।
Kohinoor Britain: विश्वविख्यात भारत का कोहिनूर हीरा इस समय ब्रिटेन के पास है। इसे लंबे संमय से वापस लाने की बात की जा रही है। इस मामले में संसद की एक समिति सरकार नें को बताया है कि 1849 के बाद अंग्रेज हुकूमत द्वारा ले जाए गए कोहिनूर हीरा वापस लाए जाने के लिए कोई विशेष समझौता करने से देश को 1970 में हुए यूनेस्को संधि नहीं रोक सकती। संधि का कोई प्रावधान नहीं रोक सकता है।
समिति का कहना है कि पक्षकार देशों के साथ भारत विशेष समझौता कर सकता है, जिससे संधि के माध्यम से पूर्व में भारत से ले जाये गए या चुराए गए पुरावशेषों की वापसी के लिए एक तंत्र विकसित किया जा सके।
संसदीय समिति ने यह बात उस समय कही जब संस्कृति मंत्रालय नें उसे बताया कि कोहिनूर हीरा 1970 का संधि लागू होने से पहले ले जाया गया था। अब इसे वापस लाने के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं है। अतह संबंधित देशों के साथ बातचीत या समझौता करने की संभावनाओं का पता लगाना ही एकमात्र उपाय है।
अंतिम बार पंजाब के शासकों के पास था कोहिनूर
संसदीय समिति द्वारा यह बात सोमवार को दोनो सदनों में पेश "विरासत से जुड़ी चीजों की चोरी-भारतीय पुरावशेषों का अवैध व्यापार और हमारी मूर्त सांस्कृतिक विरासत का पुनरुद्धार और सुरक्षा में आने वाली चुनौतियां" के विषय पर रिपोर्ट में यह बात कही गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि मुगलों के पतन के बाद कोहिनूर हीरा आलग-अलग साशकों के पास रहा इसके बाद अंत में इसे पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने हासिल किया।
रिपोर्ट के अनुसार महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद हर तरफ अराजकता फैल गई। इसके बाद सिंहासन पर महाराज दलीप सिंह बैठे यह हीरा उनके अधिकार में आ गया। अंग्रेजों नें वर्ष 1849 में पंजाब पर कब्जा कर लिया। रिपोर्ट के मुताबिक महाराजा दलीप सिंह ने 10 वर्ष की उम्र में लाहौर संधि पर हस्ताक्षर किया। संधि के अनुसार कोहिनूर हीरो सहित अपनी आधी संपत्ति महारानी विक्टोरिया को दे दी। तब से कोहिनूर हीरा अंग्रेजों के पास है।