तबाह कर देगी शहर: इस मछली से कांपते हैं देश, बहुत ही खतरनाक

रहस्योभरी इस दुनिया में समुद्र की दुनिया काफी रहस्यमयी मानी जाती है। समुद्र में कई ऐसे जलीय जीव है, जिनके बारे में अब तब पूरी जानकारी कोई हासिल नहीं कर पाया है।

Update: 2020-06-19 10:52 GMT

नई दिल्ली : रहस्योभरी इस दुनिया में समुद्र की दुनिया काफी रहस्यमयी मानी जाती है। समुद्र में कई ऐसे जलीय जीव है, जिनके बारे में अब तब पूरी जानकारी कोई हासिल नहीं कर पाया है। इन्ही सब में एक जलीय जीव है स्टोन फिश। ये करीब 40 सेंटीमीटर लंबी और 2 किलोग्राम भारी है। इस मछली के 13 स्पाइन्स होते हैं। जिन सब में जहर भरा होता है। और तो और सिर्फ इतना ही नहीं, स्टोन फिश का जहर इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि एक बूंद जहर ही हजारों की आबादी को खत्म कर सकता है।

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गहरे पानी में स्टोन फिश

ऐसे में इंडो-पैसिफिक समुद्र में पाई जाने वाली मछली से गोताखोर बहुत डरते हैं। इसके लिए समुद्र में गोता लगाने से पहले गोताखोरों को इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है कि गहरे पानी में स्टोन फिश नजर आ जाए तो किस तरह से वे बचकर निकला जा सकता है।

बताया जाता है कि स्टोनफिश समुद्र में काफी धीमी गति से तैरने वाली मछली है लेकिन शिकार पकड़ने की इसकी रफ्तार एकदम अलग है। ये सिर्फ 15 सेकंड में अपने शिकार को खत्म कर देती है।

धूसर रंग की ये मछली ज्यादातर पत्थरों के पीछे छिपी रहती है। जिससे उन्हें कोई उसे देख न सके। रंग के अलावा मछली का पूरा शरीर ऐसा है जो समुद्र के वातावरण से मेल खाता है। छोटी दिखाई देने वाली ये स्टोन फिश खारे पानी की सबसे खतरनाक मछली मानी जाती है।

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फिन्स में ही जहर

ये मछली मुंह से जहर नहीं छोड़ती, इनमें अलग खासियत होती है। इनमें तैरने में मदद करने वाले फिन्स में ही जहर भरा होता है। इनमें कुल 13 फिन्स होते हैं, जिनके आखिरी सिरे पर जहर होता है।

ये भी बताया जाता है कि ये जहर मछिलयों या समुद्री जीवों के लिए ही नहीं, बल्कि इंसानों के लिए भी समान रूप से खतरनाक होता है। अगर गलती से भी कोई इंसान इनकी चपेट में आ जाए तो ये तुरंत अपना जहर छोड़ देती हैं और एक मिनट के अंदर ही वो इंसान मर जाता है।

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तुरंत ही एंटीडोट

इस स्टोन मछली के जहर से बचाने के लिए इंसान को तुरंत ही एंटीडोट देना होता है। यही वजह है कि साल 1950 में इसके लिए एंटी-वेनम तैयार किया गया। जिस समुद्र में स्टोन फिश के होने की संभावना ज्यादा होती है, वहां गोताखोर एंटी-वेनम के साथ ही जाते हैं।

ये मछली खुद को खतरे में देखते ही इतनी तेजी से अपना जहर छोड़ती है कि अधिकतर लोग इसके लिए तैयार ही नहीं होते हैं और मिनट भर में मारे जाते हैं।

साथ ही ये भी माना जाता है कि अगर इसके जहर की एक बूंद भी पानी से भरे किसी स्त्रोत में डाल दी जाए, जहां से आबादी को पानी की आपूर्ति होती है, तो पूरा पानी ही जहरीला हो जाता है और समय रहते दवा न मिले तो हजारों जानें ले सकता है। जोकि काफी ज्यादा घातक हो सकता है।

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