बिहार चुनाव से पहले खतरे में RJD, तेजस्वी यादव की बढ़ी मुश्किलें

लालू प्रसाद के बाद 'राष्‍ट्रीय जनता दल' की कमान अब उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथों में है। लालू यादव ने अपने सपने को आगे बढ़ाने की जिम्मदेरी...

Update: 2020-06-29 06:19 GMT

बिहार: लालू प्रसाद के बाद 'राष्‍ट्रीय जनता दल' की कमान अब उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथों में है। लालू यादव ने अपने सपने को आगे बढ़ाने की जिम्मदेरी तेजस्वी यादव को दे है। लेकिन लालू यादव की अनुपस्थिति में उनकी पार्टी अब बिखरती जा रही है। दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के नेता धीरे-धीरे तेजस्वी का साथ छोड़ते जा रहे हैं। यहां तक कि आरजेडी के मूलवोट बैंक माने जाने वाले यादव समुदाय के नेता भी उनका साथ छोड़ रहे हैं।

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महागठबंधन तेजस्वी को अपना नेता स्वीकारने को तैयार नहीं

वहीं बिहार चुनाव के लिए सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए एकजुट नजर आ रहा है। इसी बीच चिराग पासवान के ताजा बयान ने एनडीए को लेकर चर्चा भी शुरू कर दी है। दूसरी तरफ महागठबंधन अभी तेजस्वी यादव को अपना नेता स्वीकारने को तैयार नहीं हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी तेजस्वी को अभी अनुभवहीन मानते हैं। वहीं कांग्रेस भी तेजस्वी के समर्थन में खुलकर बोलने से इतरा रही है। इसके साथ ही आरजेडी नेता का भी पार्टी साथ छोड़ना एक चिंता का विषय बन गया है।

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पांच विधान परिषद सदस्यों ने भी छोड़ा पार्टी का साथ

गौरतलब है हाल ही में पांच विधान परिषद सदस्यों ने भी पार्टी का साथ छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए। आरजेडी छोड़ जेडीयू में शामिल होने वाले नेताओं में कमर आलम मुस्लिम तो दिलीप राय यादव समुदाय से आते हैं। वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक विजेंद्र यादव ने भी आरजेडी से इस्तीफा दे दिया है।

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भोजपुर इलाके में किंगमेकर के तौर पर भूमिका निभाने वाले विजेंद्र यादव भी कई दिनों से पार्टी से जराज चल रहे थे। विजेंद्र यादव ने आरजेडी में बुजुर्गों का सम्मान नहीं हो रहा है कहते हुए पार्टी का साथ छोड़ दिया।

बिहार में यादव मतदाताओं की बात करें तो इसकी संख्या करीब 15 फीसदी है, जो कि आरजेडी का परंपरागत वोटर माना जाता है। इन मतदाताओं पर बीजेपी से लेकर जेडीयू तक की नजर है।

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